Akhilesh Yadav Target CM Yogi: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर सीएम योगी (CM Yogi) पर निशाना साधा है। उन्होंने लखनऊ के गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की नीयत और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि इस खूबसूरत परियोजना को लापरवाही और उपेक्षा ने बर्बाद कर दिया है।
“गोमती तभी खिलेगी जब साफ होगी”
अखिलेश यादव ने कहा कि गोमती रिवरफ्रंट का असली सौंदर्य तभी लौटेगा जब गोमती नदी की सफाई होगी और वह दुर्गंध और गंदगी से मुक्त होगी। उन्होंने तंज कसा कि भाजपा सरकार सिर्फ दिखावा करती है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और है।
“सपना था, जिसे कुचल दिया गया”
पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि समाजवादी पार्टी सरकार ने रिवरफ्रंट को लोगों के लिए एक आकर्षक और सुकून देने वाली जगह के रूप में विकसित करने का सपना देखा था। रोमांचक जेट स्कीइंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स की शुरुआत की गई थी, ताकि लोग परिवार के साथ बेहतर वक्त बिता सकें। लेकिन भाजपा सरकार की अनदेखी ने सब कुछ अधूरा छोड़ दिया।
“जांच के नाम पर विकास पर ब्रेक”
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने विकास को बढ़ावा देने के बजाय बेवजह की जांचों में समय गंवाया, जिससे प्रोजेक्ट की रफ्तार थम गई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा चाहें तो उन महंगे विदेशी फाउंटेन्स की भी जांच करा सकती है जो अब प्रोजेक्ट से गायब हैं। ये फाउंटेन्स समाजवादी सरकार द्वारा पर्यटकों के लिए मंगवाए गए थे।

“अगर साथ देते, तो गोमती भी बनती ग्लोबल आइकन”
अखिलेश ने कहा कि यदि भाजपा सरकार समाजवादी कार्यों को आगे बढ़ाती, तो गोमती रिवरफ्रंट भी आज साबरमती रिवरफ्रंट की तरह दुनिया भर के पर्यटकों को लुभा रहा होता। उन्होंने विश्वास जताया कि लखनऊ के लोग जानते हैं कि देश का सबसे सुंदर रिवरफ्रंट गोमती का ही हो सकता था।
“गंगा सफाई सिर्फ एक दिखावा”
उन्होंने भाजपा सरकार पर गंगा सफाई परियोजना में भी भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उनका कहना है कि हजारों करोड़ खर्च होने के बावजूद गंगा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने नदियों की पवित्रता के साथ खिलवाड़ किया है और अब इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
पृष्ठभूमि में रिवरफ्रंट परियोजना
गौरतलब है कि गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट समाजवादी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना थी, जिसका उद्देश्य लखनऊ की सुंदरता बढ़ाना और पर्यटन को बढ़ावा देना था। लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद, जांचों और धीमी प्रक्रिया ने इस परियोजना को प्रभावित किया। अब इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर फिर तेज़ हो गया है।