लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार, को लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया सभागार में पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नीतियों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि इन नीतियों ने प्रदेशवासियों को तबाही के अलावा कुछ नहीं दिया।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का जनता के साथ गहरा भावनात्मक रिश्ता है। उन्होंने कहा कि सपा हमेशा से सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ती आई है और यह संघर्ष आज भी जारी है। जातीय जनगणना की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी सुनिश्चित हो सकेगी। सपा हमेशा जनता के मुद्दों से जुड़ी रहती है और जनता की आवाज ही पार्टी की प्राथमिकता है।
बीजेपी संविधान को कमजोर करना चाहती है
सपा प्रमुख ने बीजेपी पर लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संविधान लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन बीजेपी इसे बदलने की कोशिश कर रही है। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से हर वर्ग को समान अधिकार दिया था, जिसमें गरीब-अमीर सबके लिए एक समान वोट का अधिकार और दलित-पिछड़ों के लिए आरक्षण शामिल है। लेकिन बीजेपी आरक्षण और वोटिंग अधिकार को खत्म करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने और चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता को नष्ट करने में लगी है। चुनावों में पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग कर धांधली करना, अधिकृत प्रत्याशियों के नामांकन पत्र छीनना और फाड़ने जैसे कार्य बीजेपी की नीयत को उजागर करते हैं।

इस महत्वपूर्ण बैठक में सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।