Akhilesh Yadav: ‘अब जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी खुद जीरो हो गई है’, अखिलेश का तंज – बीजेपी के अपने ही हो गए खिलाफ

लखनऊ I लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था को लेकर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि “जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट क्राइम एंड करप्शन” की नीति अब पूरी तरह विफल हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अब पुलिस ही फिरौती के लिए अपहरण करने लगी है और पुलिसकर्मी ही एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा रहे हैं।

Akhilesh Yadav ने कहा, “आज प्रदेश में कोई न्याय नहीं पा रहा है, यहां तक कि बीजेपी कार्यकर्ता भी खुद अपनी ही सरकार से नाराज हैं। जो लोग 80-20 का नारा देते हैं, मैं उनसे पूछता हूं कि हम 80 में आते हैं या 20 में? अब यह 80-20 का नहीं, बल्कि 90-10 का मामला है।”

सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने एक बड़े करप्शन मामले का हवाला देते हुए कहा कि हाल में पकड़े गए IAS अधिकारी और उनके साथ काम करने वाले दलाल भ्रष्टाचार में लिप्त थे, लेकिन यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि ‘बंटवारे का झगड़ा’ था। उन्होंने आरोप लगाया कि कई भ्रष्ट अधिकारी सरकार में छिपे बैठे हैं और उनका पैसा दूसरे राज्यों में भी मिला है।

उन्होंने बीजेपी पर इंडिया एलायंस के खिलाफ दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया और कहा कि वक्फ बिल पास होने के बाद से बीजेपी लगातार लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है। साथ ही कहा कि सरकार पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) से डरी हुई है और बुनियादी सवालों से ध्यान भटकाने का काम कर रही है।

गेहूं खरीद पर सवाल उठाते हुए अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने कहा कि यूपी सरकार ने अब प्राइवेट लोगों को खरीद का लाइसेंस दे दिया है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने अग्निवीर योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पहले यूपी और उत्तराखंड से सबसे ज्यादा युवा फौज में जाते थे, लेकिन अब स्थायी भर्ती बंद कर दी गई है।

Akhilesh Yadav ने सरकार को नसीहत दी कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति से सीखे, जो अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए दूसरे देशों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। “हमारी सरकार क्या चीन पर पाबंदी लगा पाएगी?” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “सरकार झूठ के एक्सप्रेसवे बना रही है। एक पोस्टर में लिखा था कि छह एक्सप्रेसवे बन चुके हैं और सात निर्माणाधीन हैं, तो बाकी क्या हवा में बन रहे हैं?”

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