Allahabad High Court: EWS महिलाओं के लिए 20% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करने का आदेश

प्रयागराज I इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण लागू करने में हुई त्रुटियों को सुधारने का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सब-इंस्पेक्टर (सिविल पुलिस), प्लाटून कमांडर PCS और FSSO फायर सर्विस की भर्ती में EWS महिलाओं के लिए 20% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने गौतम बुद्ध नगर की नेहा शर्मा और 53 अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनाया। याचिका में कहा गया था कि पुलिस भर्ती बोर्ड ने सामान्य और EWS श्रेणी के तहत महिला आरक्षण को अनुचित रूप से एक साथ मिला दिया, जिसके कारण EWS महिलाओं को मिलने वाली 36% आरक्षण सीटों में भारी कमी आई।

EWS श्रेणी की 54 महिला याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि 902 सीटों के कोटे में उन्हें पूर्ण 20% क्षैतिज आरक्षण से वंचित किया गया। भर्ती बोर्ड ने यह स्वीकार किया कि सामान्य और EWS महिला आरक्षण सीटों को एक साथ मिलाया गया, लेकिन दावा किया कि कुल 903 आवंटित सीटें आरक्षण आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।

EWS महिलाओं के लिए अलग मेरिट सूची का निर्देश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि EWS महिला उम्मीदवारों के लिए एक अलग मेरिट सूची तैयार की जाए और 20% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि रिक्त बची सीटों को योग्यता के आधार पर तैयार की गई नई मेरिट सूची से EWS महिला उम्मीदवारों के लिए समायोजित किया जाए।

चयनित उम्मीदवारों को नौकरी से हटाने पर रोक
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पहले से चयनित EWS और नौकरी कर रहे उम्मीदवारों को हटाया नहीं जाएगा। साथ ही, भविष्य की भर्ती प्रक्रियाओं में सभी आरक्षण नियमों का सही और कानूनी तरीके से पालन करने का निर्देश दिया। इस फैसले से EWS श्रेणी की महिलाओं को उनके अधिकार प्राप्त होंगे और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

Ad 1

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *