हालिया फाइव थर्टी एइट के राष्ट्रीय सर्वेक्षणों के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ट्रंप पर 1.2 अंकों की बढ़त बनाए हुए हैं। औसतन, हैरिस ट्रंप से मामूली रूप से आगे थीं, लेकिन पिछले महीने में यह अंतर काफी कम हो गया है। सीएनएन और एसएसआरएस के ताजा सर्वेक्षणों से पता चला है कि दो अहम राज्यों में कुछ ठोस बढ़त हासिल की है, जिससे हाल के सप्ताहों में मुकाबला और भी कड़ा हो गया है। संभावित मतदाताओं के सर्वेक्षण में पाया गया कि मिशिगन में कमला को ट्रंप पर 48 प्रतिशत से 43 प्रतिशत की 5 अंकों की बढ़त हासिल है। विस्कॉन्सिन में सर्वेक्षण में कमला हैरिस को 6 अंकों की बढ़त दिखाई गई है। इन अनुमानों से पता चलता है कि कमला अगले सप्ताह इन राज्यों में थोड़ी बढ़त बना सकती हैं।
हालांकि, 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट वाले राज्य पेन्सिल्वेनिया में दोनों उम्मीदवारों के बीच 48 प्रतिशत समर्थन की दिलचस्प लड़ाई दिख रही है। पेंसिल्वेनिया इस चुनाव में ट्रंप और कमला दोनों के चुनाव प्रचार का अहम केंद्र रहा है। दोनों उम्मीदवार महीने में कई बार राज्य में रुके हैं। 2016 में पेंसिल्वेनिया ट्रंप के पास चला गया था, लेकिन राष्ट्रपति बाइडन ने 2020 में अपने गृह राज्य को वापस हासिल कर लिया। दोनों जीतें एक दूसरे से कुछ प्रतिशत के अंतर पर थीं, जिसका मतलब है कि इस बार सभी की निगाहें इस राज्य पर हैं।
राष्ट्रीय सर्वे में कौन कहां आगे-पीछे?
इस सप्ताह आए सर्वेक्षणों के अनुमान मिले-जुले हैं, कुछ में कमला हैरिस आगे हैं, कुछ में ट्रंप आगे चल रहे हैं और कुछ में बराबरी की लड़ाई दिख रही है। गुरुवार तक फाइव थर्टी एइट के चुनाव सर्वेक्षण से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर हैरिस लगभग 1.2 अंकों की मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। हालांकि, यह बढ़त धीरे-धीरे कम हो गई है, जो दर्शाता है कि दोनों में से कोई भी आगे हो सकता है।
एटलसइंटेल के हालिया सर्वेक्षणों से पता चलता है कि ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी पर एक से दो प्रतिशत अंकों की मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। हालांकि, TIPP इनसाइट्स के एक अलग सर्वेक्षण से पता चलता है कि उम्मीदवार फिलहाल बराबरी पर हैं।
यह ध्यान रखना अहम है कि राष्ट्रीय सर्वेक्षणों से मतदाताओं की भावनाओं के बारे में जानकारी मिलती है, लेकिन अंततः विजेता का निर्धारण इलेक्टोरल कॉलेज करेगा न कि राष्ट्रव्यापी लोकप्रिय वोट। कई राज्य रिपब्लिकन या डेमोक्रेट्स के पक्ष में मजबूती से खड़े होते हैं।
कोई भी सर्वेक्षण कुछ अंकों से अधिक का अंतर नहीं दिखा रहा है, जिसका मतलब है कि उम्मीदवार कड़े मुकाबले में हैं। यह डेमोक्रेट्स के लिए बुरी खबर हो सकती है, जिन्होंने 2004 को छोड़कर पिछले आठ चुनावों में लोकप्रिय वोट जीता है। अतीत में रिपब्लिकन पार्टी को इलेक्टोरल कॉलेज में बढ़त हासिल होती रही है, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर इतने कम अंतर से कमला हैरिस को चिंता हो सकती है।
स्विंग राज्यों के बारे में सर्वे क्या कह रहे हैं?
अमेरिकी चुनाव में सात प्रमुख स्विंग राज्य हैं जिनमें पेंसिल्वेनिया (19 इलेक्टोरल वोट), नॉर्थ कैरोलिना (16), जॉर्जिया (16), मिशिगन (15), एरिजोना (11), विस्कॉन्सिन (10) और नेवादा (6) शामिल है। इन राज्यों के पास कुल मिलाकर 93 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं। दरअसल, स्विंग स्टेट्स राष्ट्रपति चुनावों में अलग-अलग दलों को अपनी पसंद के रूप में चुनते हैं। इन्हें बैटलग्राउंड या टॉस-अप स्टेट्स के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि वे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के बीच मतदान करते रहते हैं।
फाइव थर्टी एइट के पोल ट्रैकर के अनुसार, मिशिगन में हैरिस की बढ़त मामूली बनी हुई है, लगभग 0.8 अंकों की। हालांकि, नेवादा में वह अपनी बढ़त खो चुकी हैं, जहां अब ट्रंप 0.3 अंकों से आगे हैं। विस्कॉन्सिन में उनकी बढ़त 0.8 अंक से घटकर 0.6 अंक रह गई है। पिछले हफ्ते के रुझान को जारी रखते हुए, यदि चुनाव के दिन तक पोल में दिखाई देने वाले कम अंतर बने रहे, तो ट्रंप के जीतने की संभावना है। हालांकि, इन अहम राज्यों में उनसे थोड़ा भी दूर होना कमला हैरिस की जीत का कारण बन सकता है।