नई दिल्ली I केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय में बैठक कर मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के अधिकारी, सेना और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यह समीक्षा बैठक मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद पहली बार आयोजित की गई। गृह मंत्रालय के मुताबिक, गृह मंत्री ने 8 मार्च 2025 से मणिपुर में सभी मार्गों पर आम जनता की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने और इसमें बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रपति शासन के बाद बढ़ी सख्ती
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। 13 फरवरी को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। मणिपुर की विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है, लेकिन इसे निलंबित रखा गया है।
अवैध हथियार जमा करने की समय सीमा बढ़ी
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को अवैध और लूटे गए हथियार जमा करने के लिए अल्टीमेटम जारी किया था। इसके बाद घाटी जिलों में जनता द्वारा 300 से अधिक हथियार सौंपे गए, जिनमें मेइती चरमपंथी संगठन अरम्बाई टेंगोल द्वारा जमा किए गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। मांग को देखते हुए अवैध हथियार जमा करने की समय सीमा 6 मार्च शाम 4 बजे तक बढ़ा दी गई है।
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार की आलोचना की। कांग्रेस के मणिपुर इकाई के उपाध्यक्ष हरेश्वर गोस्वामी ने इसे भाजपा सरकार की अक्षमता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास राज्य में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद राष्ट्रपति शासन लगाया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
उग्रवादी समेत पांच लोग गिरफ्तार
सुरक्षा बलों ने मणिपुर के कांगपोकपी और कामजोंग जिलों से एक उग्रवादी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, कांगपोकपी जिले के बिंपाराव में पकड़े गए चार लोग प्रतिबंधित ‘कुकी नेशनल फ्रंट (पी)’ के लिए काम कर रहे थे। वहीं, कामजोंग जिले के कुल्तुह गांव में ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से एक पिस्तौल और एक ग्रेनेड बरामद किया गया है।