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मूलगंध कुटी विहार की 94वीं वर्षगांठ, सारनाथ में होंगे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष के दर्शन

 
वाराणसी। सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार में इस साल एक बार फिर श्रद्धा और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। विहार की 94वीं वर्षगांठ के मौके पर भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेषों का सार्वजनिक अनावरण किया जाएगा। यह विशेष आयोजन 3 से 5 नवंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से लाखों बौद्ध श्रद्धालु शामिल होंगे।

भगवान बुद्ध के अवशेषों के होंगे दर्शन

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस आयोजन में भगवान बुद्ध के दो पवित्र अस्थि अवशेषों के दर्शन कराए जाएंगे, जो मूलगंध कुटी विहार में सुरक्षित रखे गए हैं। इनमें से एक अवशेष गांधार (तक्षशिला) क्षेत्र के प्राचीन स्तूप से प्राप्त हुआ था, जिसे भारत सरकार ने 1956 में महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया को सौंपा था।
दूसरा अवशेष नागार्जुनकोंडा (दक्षिण भारत) से प्राप्त हुआ था, जो आज भी विशेष पात्र में सुरक्षित है। इन दोनों अवशेषों के दर्शन हर साल बुद्ध पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर ही कराए जाते हैं।

देश-विदेश से आएंगे बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु

जयवीर सिंह ने बताया कि इस वर्ष श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, नेपाल सहित भारत के गुजरात, बिहार, लद्दाख और हिमालयी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु-भिक्षुणियां और श्रद्धालु सारनाथ पहुंचेंगे। यह आयोजन महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया (सारनाथ केंद्र) और वियतनामी बौद्ध संघ के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

बुद्ध के उपदेश और अवशेषों की ऐतिहासिक यात्रा

भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद, उनके पवित्र अवशेषों को लगभग 2,600 वर्ष पहले आठ भागों में विभाजित कर भारतभर के स्तूपों में रखा गया था। बाद में सम्राट अशोक ने इन अवशेषों को पुनः खोजकर अपने साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में पुनर्स्थापित कराया। इन्हीं पवित्र अवशेषों में से दो आज सारनाथ में सुरक्षित हैं, जो आस्था और बौद्ध संस्कृति की प्राचीन विरासत को सजीव बनाए हुए हैं।

बौद्ध सर्किट पर तेजी से बढ़ रहा पर्यटन

पर्यटन मंत्री ने बताया कि सारनाथ आज भारत के आध्यात्मिक और बौद्ध मानचित्र पर प्रमुख केंद्र बन चुका है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में जहां 28 लाख पर्यटक उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों पर आए थे, वहीं 2024 तक यह संख्या 84 लाख से अधिक हो गई, यानी करीब 200% की वृद्धि। साल 2025 की पहली छमाही में ही करीब 5 लाख पर्यटक सारनाथ पहुंचे, जिससे यह स्थान विश्व के प्रमुख बौद्ध स्थलों में शुमार हो गया है।

जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में बौद्ध सर्किट का व्यापक विकास किया जा रहा है। सरकार सारनाथ सहित कुशीनगर, श्रावस्ती और कौशांबी जैसे बौद्ध स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं, सड़क संपर्क और अधोसंरचना को बेहतर बनाने पर कार्य कर रही है।

श्रद्धा और अध्यात्म का संगम

तीन दिन चलने वाले इस आयोजन के दौरान ध्यान, प्रार्थना सभाएं, प्रवचन, दीप प्रज्ज्वलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। सारनाथ की पवित्र भूमि पर भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन का यह अवसर न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव होगा, बल्कि यह आयोजन भारत की प्राचीन बौद्ध विरासत को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।