UP-Bihar में आतंक फैलाने वाला अजय उर्फ विजय गिरफ्तार, लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलर को मारी थी गोली
वाराणसी कमिश्नरेट की सारनाथ पुलिस ने हत्या, लूट और फिरौती समेत 15 से अधिक संगीन मामलों में वांछित कुख्यात अपराधी अजय उर्फ विजय को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ यूपी और बिहार के कई जिलों में मुकदमे दर्ज हैं। गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
वाराणसी: वाराणसी कमिश्नरेट की सारनाथ पुलिस ने मंगलवार सुबह कुख्यात अपराधी अजय उर्फ विजय को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। हत्या, लूट, फिरौती और अवैध हथियारों से जुड़े 15 से अधिक गंभीर मामलों में वांछित यह अपराधी लंबे समय से पुलिस की रडार पर था। उसकी गिरफ्तारी को कानून व्यवस्था के लिहाज से बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
कई जिलों में फैला रहा अपराध का नेटवर्क
पुलिस के अनुसार अजय उर्फ विजय का आपराधिक नेटवर्क सिर्फ वाराणसी तक सीमित नहीं रहा। उसके खिलाफ लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर के अलावा बिहार में भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अलग-अलग जिलों में वारदात कर वह लगातार ठिकाने बदलता रहा, जिससे उसकी गिरफ्तारी चुनौती बनी हुई थी।
लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलर को मारी थी गोली
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 2 मई 2022 को लखनऊ में शराब पीने के दौरान हुए विवाद में अजय उर्फ विजय ने प्रॉपर्टी डीलर और टीटीई विजयशंकर सिंह को गोली मार दी थी। इस मामले में पीड़ित ने अजय समेत छह से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद से वह फरार चल रहा था।
सरकारी डॉक्टर की हत्या में भी रहा आरोपी
अजय उर्फ विजय का नाम 13 सितंबर 2007 को वाराणसी के पांडेयपुर इलाके में हुए सरकारी चिकित्सक डॉ. डीपी सिंह की हत्या के मामले में भी सामने आया था। डॉक्टर की गोली मारकर हत्या से पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी और यह मामला काफी समय तक चर्चा में रहा।
सराफा कारोबारियों पर हमला कर लूट की वारदात
वर्ष 2012 में गाजीपुर के सैदपुर क्षेत्र में सराफा कारोबारी भाइयों को गोली मारकर लाखों रुपये की लूट की घटना में भी अजय उर्फ विजय को आरोपी बनाया गया था। इस वारदात के बाद वह संगठित अपराधियों की श्रेणी में शामिल हो गया था।
हथियार के साथ पहले भी हो चुका है गिरफ्तार
अप्रैल 2013 में वाराणसी की कैंट पुलिस ने अजय उर्फ विजय को 9 एमएम पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। हालांकि कुछ समय बाद वह जमानत पर छूट गया और दोबारा आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हो गया।
एक लाख का इनामी रह चुका है अजय
सितंबर 2022 में अजय उर्फ विजय ने चंदौली की अदालत में गैंगस्टर एक्ट के पुराने मामले में सरेंडर किया था। उस समय उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके बाद वह वाराणसी जिला कारागार में बंद रहा।
गिरफ्तारी से कई मामलों में खुलेगी परत
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अजय उर्फ विजय की गिरफ्तारी से उसके पुराने आपराधिक मामलों की जांच को नई दिशा मिलेगी। साथ ही उसके संपर्क में रहे अन्य अपराधियों और नेटवर्क से जुड़े लोगों तक भी पुलिस की पहुंच आसान होगी। आगे की पूछताछ के आधार पर और खुलासे होने की संभावना है।