गुरुकुल मोंटेसरी स्कूल का वार्षिक समारोह सम्पन्न, बच्चों ने कला के माध्यम से उठाए सामाजिक मुद्दे
वाराणसी। गुरुकुल मोंटेसरी स्कूल, नाटी इमली द्वारा कबीर चौराहा स्थित नागरी नाटक मंडली में विद्यालय का छठा वार्षिक उत्सव 'संस्कृति' धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के स्टांप एवं पंजीयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल तथा गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में विश्व मंगल सभा काशी प्रांत की प्रांतीय अध्यक्ष आनंद प्रभा उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना से हुई। उत्सव का थीम 'संस्कृति' विभिन्न राज्यों से जुड़ी समस्याओं और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता था।
आनंद प्रभा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा दो प्रकार की होती है—एक विश्वामित्र एवं वशिष्ठ वाली, जिसने रामायण जैसी रचना की और दूसरी द्रोणाचार्य वाली, जिसने महाभारत रचा। शिक्षक हमारे शिल्पकार हैं और बच्चों को गढ़ना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि आज की समस्याओं के बीज 50 वर्ष पहले ही पड़ चुके थे।
नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी कला और प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही, उन्होंने वर्तमान सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों जैसे धारा 370 और कश्मीरी पंडितों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति, खानपान और विशेषताओं को भी जीवंत रूप दिया गया।
विद्यालय के डायरेक्टर नीरज जायसवाल ने कहा कि हमारा इतिहास गौरवपूर्ण है। इसे जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलटना जरूरी है, जिसका प्रयास इस उत्सव के माध्यम से किया गया। उन्होंने जोर दिया कि संस्कृति के जरिए दिखाया गया है कि हमारी संस्कृति को कैसे तोड़ा-मरोड़ा गया। मिट्टी की खुशबू और हवाओं के पैगाम से ही हमें अपनी संस्कृति की झलक मिलती है।