BHU का सख्त फैसला, निलंबित-निष्कासित 112 छात्रों को सत्र 2025-26 में नहीं मिलेगा दाखिला
वारासणी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए कड़ा कदम उठाते हुए निलंबित, निष्कासित और प्रतिबंधित किए गए 112 छात्र-छात्राओं को किसी भी कोर्स में प्रवेश न देने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इन छात्रों के दाखिले पर किसी भी स्तर पर विचार नहीं किया जाएगा।
इस संबंध में कुलसचिव कार्यालय के उप कुलसचिव डॉ. रंजीत सांडिल्य की ओर से विश्वविद्यालय के सभी संस्थानों के निदेशकों, संकायों के डीन, विभागाध्यक्षों, कॉलेज प्राचार्यों और स्कूल-सेंटर समन्वयकों को पत्र भेजा गया है। पत्र में केंद्रीय प्रवेश समिति को भी इन प्रतिबंधित छात्रों की सूची से अवगत कराने और उनके प्रवेश पर रोक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
गंभीर आरोपों वाले छात्र सूची में शामिल
बीएचयू में पीजी प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही प्रतिबंधित छात्रों की सूची जारी कर दी गई है। इन छात्रों पर हत्या, शारीरिक शोषण, अश्लील कृत्य, अपहरण जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परिसर में अनुशासन और सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था। इससे पहले भी जुलाई माह में अंतिम दाखिले से पहले ऐसी सूची जारी की गई थी।
मारपीट और तोड़फोड़ के मामलों में सबसे ज्यादा कार्रवाई
जारी सूची में वर्ष 2016 से 2025 के बीच हुई घटनाओं और दर्ज एफआईआर में शामिल छात्र-छात्राओं को रखा गया है। आंकड़ों के अनुसार—
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मारपीट के मामलों में 34 छात्रों पर कार्रवाई
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तोड़फोड़ के मामलों में 15 छात्र
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प्रधानमंत्री के काफिले में व्यवधान डालने पर 2
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कोविड काल में अवैध रूप से रेमडेसिविर बेचने पर 1
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लोक संपत्ति क्षति अधिनियम के तहत 7
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चीफ प्रॉक्टर ऑफिस से जुड़े प्रकरण में 11
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हत्या के आरोप में 4
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हॉस्टल में आगजनी के मामलों में 4 छात्रों पर कार्रवाई की गई है।
प्रशासन का संदेश
विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो टूक कहा है कि इस बार किसी भी पूर्व-विवादित छात्र या छात्रा को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उद्देश्य साफ है—परिसर में अनुशासन कायम रखना और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाना।