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JEE छात्रा स्नेहा केस पर सीएम योगी का बड़ा ऐलान: होगी SIT जांच, कहा– हर बेटी को मिलेगा न्याय

 

वाराणसी I वाराणसी में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही बिहार के सासाराम की छात्रा स्नेहा कुशवाहा की संदिग्ध मौत के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी और बिहार की हर बेटी को सम्मान व सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

बिहार के रोहतास जिले के सासाराम निवासी सुनील कुमार कुशवाहा की 17 वर्षीय पुत्री स्नेहा कुशवाहा वाराणसी के भेलूपुर स्थित रामेश्वरम गर्ल्स हॉस्टल में रहकर इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। एक फरवरी को हॉस्टल के कमरे में उसका शव फंदे से लटका मिला था। पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताते हुए शव को आनन-फानन में हरिश्चंद्र घाट पर दाह संस्कार करा दिया, जिसका सासाराम से पहुंचे परिजनों ने कड़ा विरोध किया। परिजनों का आरोप है कि यह हत्या का मामला है और प्रशासन ने जल्दबाजी में सबूत मिटाने की कोशिश की।

परिजनों ने हॉस्टल संचालक रामेश्वर पांडेय के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए भेलूपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। विवेचना के दौरान स्नेहा के सोशल मीडिया पर संपर्क में रहे शिवम पांडेय का नाम सामने आया। व्हाटसएप चैट के आधार पर पुलिस ने शिवम पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए उसे पांच जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सत्र अदालत से जमानत रद्द होने के बाद शिवम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

मामले ने बिहार और उत्तर प्रदेश में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। स्नेहा के माता-पिता ने सीएम योगी से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई, तो वहीं महागठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में 'बिहार की बेटी को न्याय दो' के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि स्नेहा की मां आज भी इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी योगी सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।

वाराणसी पुलिस ने पहले ही एक तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी है, जिसकी अध्यक्षता एडीसीपी काशी जोन सर्वणन टी. कर रहे हैं। हालांकि, सीएम योगी की नई घोषणा से मामले में निष्पक्ष जांच की उम्मीद बंधी है। परिजन और सामाजिक संगठन सीबीआई जांच की मांग पर अडिग हैं। बिहार में कुशवाहा समाज ने कैंडल मार्च निकालकर न्याय की अपील की।