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Cybercrime : साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाकर लूटी 18.82 लाख की रकम, पुलिस ने 14 लाख वापस कराए

 

Varanasi : साइबर अपराधियों (Cybercrime) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस(Money laundering case) में फंसाने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर एक व्यक्ति से 18.82 लाख रुपये ठग लिए। वाराणसी साइबर क्राइम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 14 लाख रुपये पीड़ित के खाते में वापस कराए, जिससे उसे बड़ी राहत मिली।

बरेका निवासी अनिल सिंह कुशवाहा ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया और खुद को एसबीआई क्रेडिट कार्ड कस्टमर केयर(SBI scam call) का प्रतिनिधि बताया। कॉलर ने दावा किया कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है। इसके बाद कॉल को कथित तौर पर मुंबई साइबर पुलिस से जोड़ा गया, जहां एक फर्जी अधिकारी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस का संदिग्ध बताकर अरेस्ट वारंट का हवाला दिया। डर और दबाव में आकर अनिल से 18,82,331 रुपये ऑनलाइन हस्तांतरित करा लिए गए।

मामले की शिकायत मिलते ही थाना साइबर क्राइम, वाराणसी में मुकदमा दर्ज किया गया (मु.अ.सं. 0002/2025, धारा 308(2), 318(2), 318(4) बी.एन.एस. और 66डी आईटी एक्ट(IT Act 66D) )। साइबर क्राइम पुलिस ने बैंक नोडल अधिकारियों के सहयोग से तेजी से जांच शुरू की। साइबर तकनीक और बैंकिंग ट्रैकिंग का उपयोग करते हुए ठगों के खातों से 14 लाख रुपये की राशि सीज कराई गई। इसके बाद माननीय न्यायालय, बैंक और इंटरमीडियरी कंपनियों के साथ समन्वय कर यह राशि पीड़ित के खाते में वापस कराई गई।

अनिल सिंह कुशवाहा ने साइबर क्राइम टीम की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना करते हुए लिखित धन्यवाद पत्र दिया। इस ऑपरेशन में थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह, इंस्पेक्टर विपिन कुमार यादव, सब-इंस्पेक्टर संजीव कुमार कनौजिया, राकेश सिंह भदौरिया और कांस्टेबल मनीष कुमार सिंह की अहम भूमिका रही।