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पुष्पवर्षा और वेदमंत्रों से तमिल संगमम् के चौथे समूह का भव्य स्वागत, काशी विश्वनाथ मंदिर में किए दर्शन

 

वाराणसी। काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह का सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भव्य स्वागत किया गया। मंदिर के शास्त्रियों ने पुष्पवर्षा, डमरू नाद और वेदमंत्रों की ध्वनि के बीच सभी तमिल अतिथियों का पारंपरिक अभिनंदन किया। अतिथियों ने “हर हर महादेव” तथा “वणक्कम काशी” के उद्घोष के साथ बाबा श्री विश्वेश्वर के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

दर्शन-पूजन के बाद मंदिर प्रशासन ने समूह को नवनिर्मित काशी विश्वनाथ धाम के भव्य कॉरिडोर का विस्तृत भ्रमण कराया। इस दौरान सदस्यों को धाम के ऐतिहासिक स्वरूप, उत्कृष्ट स्थापत्य कला, आधुनिक सुविधाओं तथा निरंतर बढ़ती श्रद्धालुओं की धारा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। काशी विश्वनाथ धाम को भारतीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक बताते हुए शास्त्रियों ने कहा कि यह स्थान केवल धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संवाद का भी महत्वपूर्ण माध्यम है।

भ्रमण उपरांत सभी अतिथियों ने मंदिर द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र में बाबा विश्वेश्वर का महाप्रसाद ग्रहण किया। काशी की प्रसिद्ध अतिथि-सत्कार परंपरा और सेवा-भावना का यह प्रसाद सभी के लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा।

काशी विश्वनाथ मंदिर के शास्त्रियों ने कहा कि काशी तमिल संगमम् जैसे आयोजन सदियों पुराने काशी-तमिलनाडु संबंधों को और सुदृढ़ करते हैं। ये कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था को बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के बीच संवाद, समझ और भाईचारा बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

चतुर्थ समूह का यह दर्शन-भ्रमण एवं प्रसाद ग्रहण काशी और तमिल परंपराओं के संगम का एक और सुनहरा अध्याय बन गया। उपस्थित सभी सदस्यों ने इसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत ऊर्जावान व प्रेरणादायक बताया। काशी तमिल संगमम् का यह सफल आयोजन एकता में अनेकता की भारतीय परंपरा का जीता-जागता प्रमाण प्रस्तुत करता है।