काशी में नववर्ष 2026 का भव्य आध्यात्मिक स्वागत: मंदिरों में विशेष शृंगार, गंगा घाटों पर दीपोत्सव
वाराणसी I शिव की नगरी काशी में नववर्ष 2026 के स्वागत की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं। प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजन, भोग और शृंगार की व्यवस्थाएं अंतिम चरण में हैं। कालभैरव, संकटमोचन, दुर्गाकुंड, अन्नपूर्णा, बड़ा गणेश, मां विशालाक्षी देवी मंदिर सहित काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धा, आस्था और उत्सव का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।
नववर्ष की पूर्व संध्या से पहले ही शहर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों का तांता लगना शुरू हो गया है। मंदिरों को फूलों, दीपों और विद्युत झालरों से भव्य रूप से सजाया जा रहा है। संकटमोचन हनुमान मंदिर में नववर्ष की पूर्व संध्या पर संगीतमय सुंदरकांड पाठ और भजन-कीर्तन का विशेष आयोजन होगा। हनुमान जी को लड्डू और पान का विशेष भोग लगाया जाएगा।
दुर्गाकुंड मंदिर में मां दुर्गा का विशेष पूजन और आरती होगी, जबकि अन्नपूर्णा देवी मंदिर में अन्नक्षेत्र के तहत विशेष प्रसाद वितरण किया जाएगा। मां अन्नपूर्णा से सुख-समृद्धि की कामना लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मां विशालाक्षी, नौ दुर्गा और नौ गौरी मंदिरों में भी विशेष शृंगार और पूजन का आयोजन होगा। सुबह से ही मंदिरों में लंबी कतारें लगने की उम्मीद है।
नववर्ष की शाम गंगा घाटों पर दीपोत्सव जैसा नजारा होगा। दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट को दीपों से जगमगाया जाएगा। गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति की ओर से विशेष गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा। देश-विदेश से आए पर्यटक आरती देखने घाटों पर पहुंचेंगे। नाव संचालन और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
इस बार नववर्ष पर काशी में महाकुंभ और देव दीपावली जैसी भीड़ उमड़ रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर में भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। होटल और धर्मशालाएं पहले से हाउसफुल हैं। प्रशासन ने ट्रैफिक डायवर्जन और ड्रोन निगरानी के इंतजाम किए हैं, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और सुगम दर्शन कर सकें।
काशी में नए साल का स्वागत आस्था और उत्साह के साथ हो रहा है, जहां बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद और मां गंगा की आरती से वर्ष की शुरुआत शुभ और मंगलमय बनेगी।