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नव वर्ष पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन को उमड़ेगी भारी भीड़, इतने दिन तक बंद रहेंगे स्पर्श दर्शन 

 

वाराणसी। नव वर्ष के अवसर पर काशी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे। भीड़ प्रबंधन और सुचारु व्यवस्था के लिए मंदिर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक बाबा का स्पर्श दर्शन पूरी तरह बंद रहेगा। इन तीन दिनों में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध होकर केवल झांकी दर्शन करने होंगे।

मंदिर प्रशासन के अनुसार, नव वर्ष और छुट्टियों के कारण देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी पहुंचते हैं। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी भीड़ कई गुना बढ़ने की संभावना है। स्पर्श दर्शन बंद करने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि दर्शन प्रक्रिया बिना किसी अव्यवस्था के सुचारु रूप से चले और सभी भक्तों को आसानी से दर्शन मिल सकें।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि नव वर्ष पर काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों से कई गुना अधिक हो जाती है। गंगा स्नान, मंदिर दर्शन और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए लोग यहां आते हैं। सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखना बड़ी चुनौती होती है। बीते अनुभवों के आधार पर इस बार पहले से मजबूत रणनीति तैयार की गई है।

भीड़ नियंत्रण के लिए 23 दिसंबर से मंदिर मार्ग पर बैरिकेडिंग शुरू कर दी जाएगी। इससे श्रद्धालुओं की आवाजाही नियंत्रित रहेगी और कतारें सुव्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ सकेंगी। मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त पुलिस बल, स्वयंसेवक और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। सीसीटीवी कैमरों से निरंतर निगरानी रखी जाएगी।

मंदिर न्यास अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन दर्शन बुकिंग की व्यवस्था जारी रहेगी, हालांकि नव वर्ष के दौरान कुछ समय के लिए इसे अस्थायी रूप से बंद भी किया जा सकता है। भक्तों से अपील है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।

नव वर्ष में काशी में पर्यटकों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है। गंगा आरती, नाव विहार, घाटों की सैर और काशी की गलियों का भ्रमण करने के लिए देशी-विदेशी सैलानी यहां आते हैं। होटल, धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस लगभग पूरी तरह बुक हो जाते हैं। पर्यटन विभाग के अनुसार, क्रिसमस और नव वर्ष की छुट्टियों में काशी में पर्यटन गतिविधियां उल्लेखनीय रूप से बढ़ती हैं।

नव वर्ष पर काशी एक बार फिर आस्था, भक्ति और उल्लास से सराबोर होने को तैयार है। गंगा घाटों से मंदिरों तक भक्ति का माहौल रहेगा। प्रशासन की तैयारियों के बीच श्रद्धालु नए साल की शुरुआत बाबा विश्वनाथ और कालभैरव के दर्शन से करने को उत्सुक हैं।