IIT BHU सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने कैंट थानाध्यक्ष को किया तलब, बचाव पक्ष की अर्जी खारिज
आईआईटी बीएचयू गैंगरेप केस में फास्टट्रैक कोर्ट ने कैंट थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा को 11 दिसंबर को बयान के लिए तलब किया। अदालत ने बचाव पक्ष की स्थगन अर्जी खारिज कर पीड़िता के साथी से जिरह का अवसर समाप्त कर दिया। मामला अब महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही की ओर बढ़ रहा है।
वाराणसीः आईआईटी बीएचयू की छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में फास्टट्रैक कोर्ट (प्रथम) के न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने अभियोजन पक्ष के सातवें गवाह, विवेचक कैंट थाना प्रभारी निरीक्षक शिवाकांत मिश्रा को बयान के लिए तलब करते हुए अगली तिथि 11 दिसंबर तय कर दी।
सुनवाई के बीच आरोपित आनंद चौहान के वकील द्वारा अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें कहा गया कि प्रदेश बार काउंसिल चुनाव में प्रत्याशी श्रीनाथ त्रिपाठी के प्रचार में वकील की व्यस्तता के कारण अदालत कोई नई तिथि प्रदान करे। इस पर एडीजीसी मनोज कुमार गुप्ता ने कड़ी आपत्ति जताई।
अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने बचाव पक्ष की स्थगन प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया और पीड़िता के साथी से जिरह का अवसर समाप्त कर दिया। अदालत ने साथ ही मामले की विवेचना कर चुके अधिकारी को भी बयान के लिए तलब करने का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता के साथी के पूर्व में दिए गए बयान पर आरोपित कुणाल पांडे और सक्षम पटेल की ओर से जिरह पूरी हो चुकी है। अब तीसरे आरोपित आनंद चौहान की ओर से जिरह की प्रक्रिया चल रही थी, जिसे अदालत ने आगे नहीं बढ़ने दिया।
गौरतलब है कि 2 नवंबर 2023 की रात बीएचयू परिसर में तीन युवकों ने आईआईटी की छात्रा के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने घटना के बाद लंका थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। मामला अभी भी फास्टट्रैक कोर्ट में विचाराधीन है।