Kashi Vishwanath Mandir प्रशासन की संयुक्त बैठक में ऐतिहासिक फैसले, श्रद्धालुओं की सुविधा को मिली प्राथमिकता
Varanasi : श्री Kashi Vishwanath Mandir न्यास परिषद, विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद और मंदिर कार्यपालक समिति की संयुक्त बैठक गुरुवार को मंडलायुक्त सभागार में संपन्न हुई। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 108वीं, 14वीं और 64वीं बैठकें एक साथ हुईं, जिनमें मंदिर प्रशासन से जुड़े कई ऐतिहासिक और श्रद्धालु केंद्रित फैसले लिए गए।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब Kashi Vishwanath Mandir में सुगम दर्शन के साथ श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद और रूद्राक्ष की माला प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए काशी विशालाक्षी माता मंदिर तक भवन क्रय कर पहुंच मार्ग को सरल किया जाएगा। वहीं, वैदिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु मिर्जापुर में भूमि के उपयोग को भी मंजूरी मिली।
Kashi Vishwanath धाम की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाने के लिए कंट्रोल रूम और कैमरों के आधुनिकीकरण का निर्णय भी बैठक में लिया गया। दैनिक दर्शनार्थी परिचय पत्रों के नवीनीकरण की योजना को भी हरी झंडी दी गई। वहीं, संकट हरण हनुमान मंदिर परिसर (बेनिपुर, सारनाथ) में गौशाला का आधुनिकीकरण किया जाएगा। संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को वस्त्र, पुस्तकें, स्वेटर, कंबल और यूनिफॉर्म के लिए डीबीटी योजना से आर्थिक मदद दी जाएगी। दंडी संन्यासियों को प्रतिदिन प्रसाद और दक्षिणा देने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित हुआ।
बैठक में धाम में अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय की स्थापना, इम्पोरियम के रिक्त स्थानों का आवंटन, परिसंपत्तियों की किराया दरों के पुनरीक्षण और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि जैसे अहम फैसले लिए गए। परिषद द्वारा विकसित तकनीकी समाधान, एसओपी और प्रबंधन सेवाएं अब अन्य इच्छुक संस्थाओं को निर्धारित शुल्क पर उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे परिषद की आयवृद्धि होगी और धाम के प्रशासन को आधुनिक और सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।
बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा, प्रमुख सचिव न्याय के प्रतिनिधि बालाकृष्ण एन. रंजन, वित्त विभाग के प्रतिनिधि, अपर पुलिस उपायुक्त (सुरक्षा) और श्रृंगेरी पीठ के प्रतिनिधि समेत कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।
अंत में सभी सदस्यों ने विश्वास जताया कि इन निर्णयों से Kashi Vishwanath Mandir की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक महत्ता को नई ऊंचाई मिलेगी।