बच्चा चोरी और मानव तस्करी के 7 दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट ने कहा- शर्मसार करने वाला कृत्य
वाराणसी: वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने मानव तस्करी से जुड़े लगभग ढाई वर्ष पुराने मामले में सोमवार को सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने सभी दोषियों पर 15-15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ ही जुर्माना राशि का आधा हिस्सा पीड़ित को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया।
मानवता को शर्मसार करने वाला कृत्य
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों का अपराध न सिर्फ गंभीर है, बल्कि समाज और मानवता को शर्मसार करने वाला है। जीवन हमारे निर्माता का उपहार है, जिसे बेचने जैसे कृत्य को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इन 7 दोषियों को मिली उम्रकैद
दोषी पाए गए अभियुक्तों में शिवदासपुर (मंडुवाडीह) के संतोष गुप्ता, शिखा, जयपुर निवासी मनीष जैन, झारखंड के कोडरमा निवासी महेश राणा, गिरिडीह के महेश राणा, हजारीबाग के मुकेश पंडित और सुनीता देवी शामिल हैं। इसके अलावा अदालत ने बच्चे के अपहरण के आरोप में संतोष गुप्ता को सात वर्ष की अतिरिक्त कठोर कारावास और 5 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया।
इस मामले में साक्ष्य के अभाव में अदालत ने नौ आरोपितों- अनुराधा देवी, यशोदा पंडित, मदन मोदी उर्फ मदन बरनवाल, जगबीर बरनवाल, संगीता देवी, संतोष साव, गुड़िया देवी, शिवम गुप्ता उर्फ प्रवीण मोदनवाल और संजय गुप्ता उर्फ संजय मोदनवाल- को दोषमुक्त कर दिया। अभियोजन पक्ष की पैरवी डीजीसी मुनीब सिंह चौहान, एडीजीसी मनोज कुमार गुप्ता और वादी पक्ष के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण ने की।
क्या था मामला
यह मामला 16 मई 2023 को उस समय दर्ज हुआ जब भेलूपुर थाना पुलिस को शिकायत मिली कि सामने घाट क्षेत्र में एक पिता अपने परिवार के साथ सो रहा था और सुबह उठने पर उसका चार वर्षीय बेटा गायब मिला। जांच में सीसीटीवी फुटेज में आरोपी संतोष गुप्ता को बच्चे को कार में ले जाते हुए देखा गया। बाद में पुलिस ने 21 मई को आरोपी को गिरफ्तार कर उसके घर से बच्चे का बनियान बरामद किया। 23 मई को मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन के पास खड़ी एक अर्टिगा कार से अपहृत बच्चा सुरक्षित बरामद कर लिया गया, जिसमें मनीष जैन ड्राइवर सीट पर मौजूद था। पुलिस ने विवेचना पूरी कर 16 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया, जिनमें से 13 गवाहों ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया।
विवेचक पर होगी कार्रवाई
अदालत ने मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर विवेचक दारोगा आनंद कुमार चौरसिया के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज को समय पर आरोपपत्र में शामिल नहीं करना गंभीर लापरवाही थी, जिसे लगभग दो वर्ष बाद मुकदमे के दौरान पेश किया गया।