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प्रो. Prabhunath Dwivedi की जयंती पर काशी विद्यापीठ में राष्ट्रीय संगोष्ठी, कुलपति ने किया उद्घाटन

 

Varanasi : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संस्कृत विभाग एवं राजकुमारी देवी स्मृति शोध संस्था के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को विभाग के पूर्व अध्यक्ष व प्रख्यात साहित्यकार प्रो. Prabhunath Dwivedi की जयंती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। मानविकी संकाय के स्मार्ट कक्ष में आयोजित इस संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने की।

कुलपति प्रो. त्यागी ने कहा कि प्रो. Prabhunath Dwivedi संस्कृत साहित्य के ऐसे विद्वान थे जिन्होंने भाषा को आमजन तक पहुंचाने का कार्य किया। वे अपने समय से 50 वर्ष आगे की सोच रखने वाले साहित्यकार थे। नई पीढ़ी को उनके सपनों के अनुरूप संस्कृत और भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण हेतु कार्य करना चाहिए।

मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि प्रो. Prabhunath Dwivedi की रचनाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। शरीर नश्वर है, लेकिन कृतित्व और व्यक्तित्व अमर होते हैं। राज्य और केंद्र सरकार संस्कृत एवं सनातन परंपरा को सहेजने का कार्य कर रही है।

मुख्य वक्ता प्रो. गया राम पांडेय ने कहा कि प्रो. Prabhunath Dwivedi ने संस्कृत विभाग की कीर्ति पताका विश्व स्तर तक पहुंचाई। उनका योगदान संस्कृत लघुकथाओं, हाइकु लेखन और बाल साहित्य में विशेष रूप से उल्लेखनीय है। सारस्वत वक्ता प्रो. श्रद्धानंद ने उन्हें संयमित, अनुशासित और विलक्षण प्रतिभा का धनी साहित्यकार बताया।

कार्यक्रम में मानविकी संकायाध्यक्ष व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. अनुराग कुमार, संयोजक डॉ. श्रुति प्रकाश द्विवेदी, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. अनिता सहित बड़ी संख्या में विद्वान, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।