वाराणसी में नववर्ष और माघ मेले पर जल पुलिस अलर्ट, नाव संचालन पर नए नियम लागू
वाराणसी जल पुलिस ने नववर्ष और माघ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दशाश्वमेध घाट पर गोष्ठी आयोजित की। नाविकों को अनुशासन, जीवन रक्षक उपकरण, क्षमता का पालन और नशे में संचालन न करने जैसे निर्देश दिए गए। सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी, लापरवाही बर्दाश्त नहीं।
Varanasi : आने वाले नव वर्ष और माघ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रविवार को जल पुलिस चौकी, दशाश्वमेध घाट पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सहायक पुलिस आयुक्त, जल पुलिस विजय प्रताप सिंह ने की। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक जल पुलिस राज किशोर पांडेय, उपनिरीक्षक शशि प्रताप सिंह व रामप्रवेश सिंह, 11वीं बटालियन एनडीआरएफ के निरीक्षक अंकुर गंगवार सहित सभी घाटों के मांझी, बोट मालिक और नाव चालक उपस्थित रहे।
बैठक में सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षित नाव संचालन पर विस्तृत चर्चा की गई। नाविकों को यात्रा के दौरान पूरी जिम्मेदारी और अनुशासन के साथ काम करने के निर्देश दिए गए। एसीपी विजय प्रताप सिंह ने स्पष्ट कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नाव संचालन के लिए प्रमुख दिशा-निर्देश :
- किसी भी नाव पर क्षमता से अधिक सवारियां न बिठाई जाएं।
- हर नाव में जीवन रक्षक उपकरण, ट्यूब और रस्सी अनिवार्य रूप से रखी जाएं।
- सवारी बैठाने से पहले किराया तय कर लिया जाए, ताकि विवाद की स्थिति न बने।
- नाव में जलते बीड़ी–सिगरेट के टुकड़े या माचिस न फेंकी जाएं।
- नशे की हालत में नाव संचालन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- बिना लाइफ जैकेٹ सवारी कराना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
- नाबालिग बच्चों से नाव न चलवाने के निर्देश दिए गए।
- शाम 4 बजे के बाद छोटी/चप्पू नौकाओं के संचालन पर रोक रहेगी।
- दशाश्वमेध, अस्सी और नमो घाट पर आरती के समय नावों को अनावश्यक भीड़ न लगाने की हिदायत दी गई।
अधिकारियों ने नाविकों से अपील की कि बढ़ती भीड़ के मद्देनज़र शांति, अनुशासन और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें ताकि मेले और नव वर्ष के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुव्यवस्थित अनुभव मिल सके।