वाराणसी में छठ पूजा की तैयारियां : दिखेगा मिनी बिहार सा नजारा, हर घाट पर 10 कर्मचारी तैनात
वाराणसी। गंगा किनारे बसे काशी में छठ महापर्व की रौनक छा गई है। घाटों पर सफाई, सजावट और तैयारियों का दौर पूरे जोश में जारी है। हर साल छठ महापर्व पर घाटों पर मिनी बिहार से नजारा दिखने लगता है। नगर निगम से लेकर स्थानीय प्रशासन तक सभी विभाग इस महाउत्सव को लेकर पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर सफाई का काम चल रहा है, वहीं दूसरी ओर पूजा के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं के द्वारा मिट्टी की बेदियां तैयार की जा रही हैं।
कल नहाय-खाय से छठ का शुभारंभ
25 अक्टूबर से “नहाय-खाय” के साथ छठ महापर्व का शुभारंभ होगा। इसके अगले दिन खरना और तीसरे दिन यानी 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। महाव्रत का समापन 28 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर किया जाएगा। इस दौरान काशी के 84 घाटों पर लाखों व्रती महिलाएं पारंपरिक विधि से पूजा करेंगी।
घाटों पर साफ-सफाई की तैयारी फाइनल स्टेज पर
नगर नगिम पीआरओ संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि छठ पर्व और देवदीपावली को देखते हुआ नगर निगम की ओर से सभी तैयारी फाइनल स्टेज पर चल रही हैं। घाटों पर सफाई और सुरक्षा के लिए नोडल और सहनोडल ऑफिसर की तैनाती भी कर दी गई है। फसाड़ लाइट, इलेक्ट्रिक पोल्स के मरम्मत और कलरिंग का काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा सभी घाटों पर दो तरह के डस्टबीन रखने की व्यवस्था भी की जा रही है, जो शुक्रवार रात तक पूरी कर ली जाएगी।
हर घाट पर 10 कर्मचारी तैनात
उन्होंने बताया कि सभी घाटों पर बाढ़ के कारण जो सिल्ट जमा हैं, उसे साफ करने के लिए 73 पंप पैनल लगे थे, जिसे बढ़ाकर 150 कर दिया गया है। घाटों की सफाई के लिए हर घाटों पर 10 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। गंगा घाटों पर सीवर ओवरफ्लो न हो इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।
महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था
छठ पर आने वाली महिला श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है। पूजा या सूर्य अर्घ के वक्त श्रद्धालु गहरे पाने में न जाए इसके लिए भी सभी घाटों पर बैरिकेडिंग की गई है।
घाट पर बेदी बनाने का मतलब सिर्फ जगह छेकना नहीं
घाट पर मिट्टी की बेदी बनानकर अपनी जगह छेकने पहुंची श्रद्धालु आभा ने बताया कि घाटों पर बेदी बनाने का मतलब सिर्फ जगह छेकना नहीं है। ये भी परंपरा है कि, जो परिवार जहां भी अपना बेदी बनाता है, उसी बेदी पर अपना छठ पूजा करता है, किसी और की बनाई बेदी पर पूजा पाठ करना गलत माना जाता है। छठ से एक दिन पहले बेदी को गोबर, चंदन अक्षत का लेप लगाकर इसकी पूजा की जाती है।