Sankat Mochan Music Festival: 102वें संगीत समारोह का भव्य आगाज आज से, पं. हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी से होगी शुरुआत
वाराणसी। श्री संकट मोचन (Sankat Mochan) हनुमान मंदिर में आज बुधवार से 102वें संकट मोचन संगीत समारोह का शुभारंभ होने जा रहा है। शाम 7:30 बजे मंदिर परिसर में लगे 8×12 इंच के चार एलईडी स्क्रीन और 30 से ज्यादा साउंड बॉक्स पर मुरली की मधुर धुन गूंजेगी, जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगी। इस भव्य आयोजन का श्रीगणेश 87 वर्षीय पद्मविभूषण पं. हरिप्रसाद चौरसिया अपने बांसुरी वादन से करेंगे। वे अपने शिष्यों वैष्णवी जोशी, विवेक सोनार (बांसुरी) और आशीष राघवानी (तबला) के साथ 60 मिनट की प्रस्तुति देकर महावीर हनुमान की स्तुति करेंगे।
इसके बाद 11 घंटे तक लगातार विश्व के 30 से अधिक दिग्गज कलाकार अपने सुर, लय-ताल, भाव-नृत्य और वाद्य यंत्रों के माध्यम से बजरंग बली की संगीत साधना करेंगे। मंगलवार को Sankat Mochan समारोह की तैयारियों के बीच भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। मंदिर परिसर में प्रसाद के रूप में बनने वाले मालपुए की खुशबू दूर तक फैल रही थी। पूरे परिसर को रेड कारपेट और झालरों की रोशनी से सजाया गया है। मानस कथा के मंच को संगीत समारोह के लिए तैयार किया गया है, जबकि दर्शकों और श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था पहले जैसी ही रखी गई है।
बगीचे में सजी कला दीर्घा, लाइव पेंटिंग और मूर्तिकला प्रदर्शनी का आयोजन
Sankat Mochan मंदिर के बगीचे में एक कला दीर्घा सजकर तैयार है, जहां 100 चित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा। कई कलाकार लाइव पेंटिंग करेंगे, साथ ही मूर्तिकला प्रदर्शनी और कला प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। पेड़ों पर राम-सीता के कटआउट बनाए जा रहे हैं। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा पहली बार दर्शन की गई हनुमान जी की मूर्ति की झांकी भी सजाई जा रही है। प्रदर्शनी में कोलकाता, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, ओडिशा सहित फ्रांस, स्पेन, नेपाल, इटली, कोरिया जैसे देशों के 20 से अधिक कलाकार हिस्सा लेंगे।
संकट मोचन भक्तों के दुख हरते हैं: मानस मर्मज्ञ
श्री संकट मोचन (Sankat Mochan) हनुमान प्राकट्योत्सव के अवसर पर चल रहे सार्वभौम रामायण सम्मेलन में विभिन्न प्रांतों से आए मानस मर्मज्ञों ने हनुमत प्रभु का महिमागान किया। किशनगंज के पं. किशन उपाध्याय ने कहा कि संकट मोचन हर समय भक्तों के दुख और संकट दूर करने के लिए विराजमान रहते हैं। पं. सुरेश मिश्र ने बताया कि रामचरितमानस ज्ञान का भंडार है और सुंदरकांड का पाठ करने से तत्काल फल मिलता है। इस दौरान डॉ. चंद्रकांत चतुर्वेदी, डॉ. परमेश्वर दत्त शुक्ल, पं. श्याम सुंदर पांडेय सहित कई विद्वानों ने मानस के प्रसंगों का वर्णन किया।
Sankat Mochan मंदिर में आज के कार्यक्रम
पं. हरिप्रसाद चौरसिया: बांसुरी वादन
जनानी मुरली: भरतनाट्यम
पं. राहुल शर्मा: संतूर वादन, राम कुमार मिश्रा: तबला वादन
येल्ला वेंकटेश्वर रॉव: मृदंगम
पं. प्रवीण गोडखिंडी: बांसुरी वादन, ईशान घोष: तबला वादन
पं. अजय पोहनकर: गायन, पं. समर साहा: तबला वादन, परोमिता मुखर्जी: संवादिनी, गौरी बनर्जी: सारंगी
पं. विकास महाराज: सरोद वादन, अभिषेक महाराज: सितार वादन, प्रभाष महाराज: तबला वादन
रोहित पवार: कथक, जहीन खान: तबला वादन, अतुल: गायन, महावीर गंगानी: पखावज, गौरी बनर्जी: सारंगी