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बंद कर दीजिए नगर निगम! जरूरत ही क्या...वाराणसी में होटल-लॉज के आंकड़ों पर क्यों भड़के मेयर अशोक तिवारी

 

Varanasi : वाराणसी नगर निगम की सामान्य सदन बैठक शनिवार को टाउनहाल स्थित गांधी भवन में संपन्न हुई। बैठक में सभी 100 पार्षद, महापौर अशोक तिवारी, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा सहित अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 के 27 मदों पर संशोधित बजट (Revised Budget) पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों की समस्याओं को उठाते हुए नगर निगम के अधिकारियों से सवाल किए और कई मुद्दों पर बहस भी हुई।

होटल और लॉज के आकड़ों पर भड़के महापौर

सदन में सबसे ज्यादा बहस होटल और लॉज से वसूले जा रहे लाइसेंस शुल्क को लेकर हुई। जब अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम सीमा के अंदर सिर्फ 530 होटल दर्ज हैं, तो महापौर अशोक तिवारी गुस्से में आ गए। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, अगर शहर में सिर्फ 530 होटल हैं, तो नगर निगम चलाने की जरूरत ही क्या है? बंद कर दीजिए आप लोग नगर निगम! मजाक बना दिया है पूरे सिस्टम का।

अधिकारियों ने सफाई देते हुए बताया कि पहले प्राप्त सूची में एक हजार से अधिक होटल दर्ज थे, जबकि नई लिस्टिंग के अनुसार लगभग 3 हजार होटल और लॉज मौजूद हैं। इस पर महापौर ने कहा कि कुंभ जैसे आयोजनों के दौरान अस्थायी होटल और लॉज भी खुले थे, जिन्हें शामिल किया जाना चाहिए।


बजट पर गहन चर्चा

  • बैठक में नगर निगम और जलकल विभाग के कुल 1631.52 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित बजट पर चर्चा हुई।
  • नगर निगम का मूल बजट 1281.33 करोड़ से बढ़ाकर 1380.43 करोड़ रुपये किया गया।
  • वहीं जलकल का बजट 248.05 करोड़ से बढ़ाकर 250.75 करोड़ रुपये किया गया।
  • बजट उपसभापति नरसिंह दास ने सदन में बजट प्रस्तुत किया। चर्चा के दौरान पार्षदों ने स्कूल/कॉलेज बस लाइसेंस शुल्क, नर्सिंग होम शुल्क, और होटल-लॉज शुल्क को लेकर सवाल उठाए।


कई मामलों में अधिकारियों के जवाब से पार्षद असंतुष्ट दिखे, जिसके बाद नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को स्वयं सफाई देनी पड़ी। बैठक करीब शाम 5 बजे तक चली, जिसमें पार्षदों ने अपने वार्डों की मूलभूत समस्याओं, सफाई व्यवस्था, जल निकासी और कर नीति पर भी चर्चा की।