Varanasi: नेफ्रो, कार्डियो, न्यूरो की सुविधा, वाराणसी में बन रहा 500 बेड का मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
Varanasi: मंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, श्री शिवप्रसाद गुप्त राजकीय चिकित्सालय, कबीरचौरा में जल्द ही सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं से लैस एक आधुनिक मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण शुरू होने वाला है। कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी ने इसके लिए फाइनल 3-डी मानचित्र तैयार कर शासन को भेज दिया है, जिसमें 315 करोड़ रुपये के बजट का आकलन किया गया है। कांट्रैक्टर एजेंसी मदर्स प्राइड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को चयनित कर लिया गया है। कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्ताव पास होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नींव रखे जाने की योजना है।
चार साल पुराना खाका, अब होगा साकार
लगभग डेढ़ सौ साल पुराने इस अस्पताल को नौ मंजिला सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में तब्दील करने की योजना चार साल पहले तैयार की गई थी। दो साल पहले 339.39 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी मिली थी, लेकिन फाइनल डीपीआर में लागत 315 करोड़ रुपये तय की गई है। डिजाइन में बार-बार बदलाव के पेंच से मुक्ति मिल चुकी है। यह अस्पताल न केवल Varanasi मंडल के चार जिलों, बल्कि मिर्जापुर मंडल के तीन जिलों के मरीजों की जरूरतों को भी पूरा करता है। प्रतिदिन औसतन 2000 मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं, और 350 से अधिक मरीज वार्डों में भर्ती रहते हैं।
प्रथम फेज में धराशायी होंगी ये सुविधाएं
प्रथम फेज में भूतल पर सर्जिकल वार्ड (24 बेड), सेप्टिक वार्ड (13 बेड), बर्न वार्ड (17 बेड), आर्थोपेडिक वार्ड पुरुष (22 बेड) और महिला (16 बेड), मेडिसिन वार्ड पुरुष (28 बेड), इमरजेंसी वार्ड (12, 10 और 8 बेड), पार्किंग, सेमिनार हॉल, टीकाकरण केंद्र, फिजियोथेरेपी हॉल, रिकॉर्ड रूम, पंजीकरण काउंटर और आरओए कक्ष को धराशायी किया जाएगा। प्रथम तल पर पेइंग वार्ड (20 और 8 बेड), प्राइवेट वार्ड (4 कमरे), पीएलसीयू (11 बेड), नेत्र वार्ड (12 बेड), बाल चिकित्सा वार्ड (18 बेड), नेफ्रो वार्ड (12 बेड), कार्डियक वार्ड (14 बेड), डेंगू वार्ड (10 बेड), दवा वितरण केंद्र, डायलिसिस, सीटी स्कैन, स्टोर, दवा भंडार और प्रयोगशाला को भी तोड़ा जाएगा।
नए डीपीआर की खासियतें
- बेसमेंट सहित आठ मंजिला भवन
- सात मंजिला अष्टकोणीय रेजिडेंस आवास (जी-14)
- 500 बेड की क्षमता वाला मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
- 400 वाहनों की पार्किंग सुविधा
- नेफ्रो, कार्डियो, न्यूरो, गैस्ट्रो जैसे विशेषज्ञता वाले विभाग
- मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू सुविधाएं
1872 में हुई थी स्थापना
यह मंडलीय अस्पताल, जो पहले Varanasi जिला अस्पताल था, 1872 में किंग जॉर्ज अष्टम द्वारा स्थापित किया गया था। 1952 में तत्कालीन मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने इसे श्री शिवप्रसाद गुप्त चिकित्सालय का नाम दिया। वर्तमान में 316 बेड की क्षमता वाला यह अस्पताल भविष्य में 500 बेड का होगा।
प्रथम फेज की तैयारियां
Varanasi नोडल अधिकारी डॉ. पुष्पा सिंह के अनुसार, प्रथम फेज में सीटी स्कैन, डायलिसिस, दोनों बर्न वार्ड, वार्ड नंबर 1, 11, 12, 13, रैन बसेरा और लॉन्ड्री को तोड़ा जाएगा। इन सुविधाओं को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।
48 माह में पूरा होगा निर्माण
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक Varanasi डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि नए मानचित्र को अस्पताल में स्थापित कर दिया गया है। कैबिनेट की अगली बैठक में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। निर्माण कार्य तीन फेज में पूरा होगा, और 48 माह में इसे अंतिम रूप देने का लक्ष्य है। डीपीआर की स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा।