रांची से वाराणसी और फिर बांग्लादेश! कोडीन कफ सिरप तस्करी के पुख्ता सबूत मिले
वाराणसी में कोडीनयुक्त कफ सिरप की अंतरराष्ट्रीय तस्करी का बड़ा खुलासा हुआ है। SIT जांच में रांची से वाराणसी भेजी गई खेप के बैच नंबर कोलकाता में जब्त चार लाख शीशियों से मेल खाते मिले। कई दवा कारोबारी जांच के दायरे में हैं।
वाराणसी: कोडीनयुक्त कफ सिरप के नशे के रूप में उपयोग और इसकी अंतरराष्ट्रीय तस्करी से जुड़े मामले में वाराणसी पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) को बड़े और ठोस सबूत हाथ लगे हैं। जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि कोडीन कफ सिरप की तस्करी वाराणसी से होते हुए बांग्लादेश तक की जा रही थी और इसमें स्थानीय दवा कारोबारियों की संलिप्तता सामने आई है।
SIT ने कोलकाता में बीते एक वर्ष के दौरान पकड़े गए कोडीनयुक्त कफ सिरप से संबंधित रिकॉर्ड और दस्तावेजों की गहन जांच की। जांच के दौरान 27 अलग-अलग कार्रवाइयों में जब्त की गई चार लाख से अधिक शीशियों के बैच नंबर, रांची से वाराणसी भेजी गई कफ सिरप की खेप से मेल खाते पाए गए। इससे तस्करी नेटवर्क के वाराणसी कनेक्शन की पुष्टि हो गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब इस मामले में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी लगभग तय मानी जा रही है। अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश सिंह ने बताया कि कफ सिरप तस्करी गिरोह के सरगना और दुबई फरार आरोपी शुभम जायसवाल पर घोषित इनाम की राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है।
यह मामला उस समय उजागर हुआ था, जब नवंबर माह में गाजियाबाद पुलिस ने करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये मूल्य का कोडीनयुक्त कफ सिरप बरामद किया था। इस मामले में औषधि निरीक्षक जुनाब अली की तहरीर पर शुभम जायसवाल, उसके पिता भोलानाथ प्रसाद और 38 दवा फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर SIT का गठन किया गया।
SIT ने अब तक वाराणसी और कोलकाता से जुड़े छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जांच में यह भी सामने आया कि तस्करी के लिए बाइक, ई-रिक्शा और यहां तक कि स्कूल बसों के नंबरों पर फर्जी ई-वे बिल बनाकर माल की हेराफेरी की जा रही थी।
फिलहाल SIT कोलकाता से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट तैयार कर रही है। शुभम जायसवाल के पिता भोलानाथ प्रसाद को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी, जबकि दुबई में छिपे शुभम को भारत लाने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
इस संबंध में डीसीपी काशी गौरख बंसवाल ने स्पष्ट किया कि ईमानदार दवा व्यापारियों को परेशान नहीं किया जा रहा है, लेकिन कोडीन कफ सीरप तस्करी से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच की जा रही है। रांची-वाराणसी खेप से बैच नंबरों का मिलना इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण सबूत है।