फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़: शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी करने वाला गैंग गिरफ्तार, सरगना समेत 9 शातिर दबोचे गए
वाराणसी में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी करने वाला अंतर्राज्यीय गैंग गिरफ्तार, सरगना समेत 9 आरोपी दबोचे गए।
वाराणसी: शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच देकर आम लोगों से साइबर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। साइबर क्राइम ब्रांच कमिश्नरेट वाराणसी ने फर्जी कॉल सेंटर चला रहे इस गैंग के सरगना सहित 9 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज, पीली धातु और 4.88 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
गांधीनगर कॉलोनी से फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश
30 दिसंबर 2025 को मुखबिर से सूचना मिलने पर साइबर क्राइम थाना वाराणसी में मामला दर्ज कर गांधीनगर कॉलोनी, लंका स्थित फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी की गई। इस दौरान गिरोह के सभी सदस्य मौके से गिरफ्तार कर लिए गए।
पुलिस उपायुक्त अपराध सरवणन टी के निर्देशन व अपर पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम नीतू काव्यान और सहायक पुलिस आयुक्त विदुष सक्सेना के नेतृत्व में गठित टीम ने इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
सोशल मीडिया विज्ञापनों से फंसाते थे लोग
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी META, Google जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नामी कंपनियों के नाम से फर्जी विज्ञापन चलाते थे। इन विज्ञापनों के जरिए लोगों का डेटा जुटाकर कॉल करते और खुद को ट्रेडिंग एक्सपर्ट बताकर भरोसे में लेते थे।
इसके बाद पीड़ितों से डिमैट अकाउंट की लॉगिन आईडी और पासवर्ड हासिल कर लेते थे। आरोपियों द्वारा ब्रोकरेज कमीशन के लालच में बार-बार खरीद-बिक्री (Buy & Sell) कराई जाती, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान होता। साथ ही डिमैट अकाउंट में मौजूद धनराशि को फर्जी म्यूल बैंक खातों में ट्रांसफर कर निकाल लिया जाता था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ BNS की गंभीर धाराओं और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोग और बैंक खाते किन-किन राज्यों में सक्रिय हैं।
जनता से अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाले शेयर ट्रेडिंग और निवेश से जुड़े आकर्षक विज्ञापनों से सतर्क रहें, किसी को भी अपना डिमैट लॉगिन, ओटीपी या बैंक विवरण साझा न करें।