श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को 4 साल पूरे, बाबा की नगरी में आज निकलेगी भव्य शिव-शोभायात्रा
श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को चार वर्ष पूरे हो गए हैं। पीएम मोदी द्वारा उद्घाटित धाम में विशेष प्रवेश, FCRA दान सुविधा और वर्चुअल दर्शन जैसी व्यवस्थाएं शुरू हुईं। चौथी वर्षगांठ पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को आज चार वर्ष पूर्ण हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को ऐतिहासिक रूप से धाम का लोकार्पण किया था। इसके बाद बीते चार वर्षों में धाम न केवल धार्मिक, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य और सुरक्षा के आधुनिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ है, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं का अनुभव पहले से कहीं अधिक सहज और अविस्मरणीय हुआ है।
चौथी वर्षगांठ पर भव्य शोभायात्रा
श्री काशी विश्वनाथ धाम की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आज दोपहर 12 बजे उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग और शिव बारात समिति के संयुक्त तत्वावधान में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शिव बारात की तर्ज पर आयोजित यह शोभायात्रा लोकमहोत्सव का भव्य रूप प्रस्तुत करेगी।
इस वर्ष शोभायात्रा का प्रमुख आकर्षण भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विश्व विजेता उपलब्धि पर आधारित विशेष झांकी होगी, जो नारी शक्ति, आत्मविश्वास और पराक्रम का संदेश देगी। धाम के मुख्य द्वार पर खत्री हितकारिणी सभा की ओर से आरती और पुष्पवर्षा की जाएगी, वहीं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा मार्ग में स्वागत और सेवा कार्यक्रम होंगे। शोभायात्रा के मुख्य अतिथि विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी होंगे।
काशीवासियों को मिली विशेष दर्शन की सुविधा
धाम प्रशासन ने 12 जुलाई 2024 से काशीवासियों के लिए विशेष प्रवेश मार्ग की शुरुआत की। इसके तहत स्थानीय निवासी अपने पहचान पत्र के माध्यम से प्रतिदिन सुबह 4 से 5 बजे और शाम 4 से 5 बजे तक बिना भीड़ के बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकते हैं। इस व्यवस्था ने काशीवासियों को परंपरागत भाव से नित्य पूजन-अर्चन का अवसर दिया है।
FCRA सुविधा से विदेशों तक पहुंची बाबा की चौखट
5 सितंबर 2024 से श्री काशी विश्वनाथ धाम में विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत दान की सुविधा शुरू की गई। इसके माध्यम से विदेशों में रहने वाले श्रद्धालु अब सीधे मंदिर न्यास के खाते में सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से दान कर पा रहे हैं, जिससे वैश्विक भक्त समुदाय का जुड़ाव और मजबूत हुआ है।
वर्चुअल दर्शन और भक्ति का संगम
13 जून 2024 से शुरू हुई वर्चुअल दर्शन सुविधा ने श्रद्धालुओं के लिए नई राह खोली है। अब देश-विदेश में बैठे भक्त मंगला आरती, मध्याह्न भोग, सप्तऋषि आरती, श्रृंगार आरती और शयन आरती का ऑनलाइन सजीव अनुभव कर पा रहे हैं।
चार वर्षों में श्री काशी विश्वनाथ धाम ने आस्था, संस्कृति और आधुनिक व्यवस्थाओं के समन्वय से काशी की पहचान को नई ऊंचाई दी है, जो आने वाले वर्षों में भी श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बना रहेगा।