वाराणसी: मतदाता सूची से हटेंगे करीब 6 लाख फर्जी/डुप्लीकेट नाम, शहरी क्षेत्र में सबसे बड़ी कटौती
वाराणसी। जिले की मतदाता सूची की वर्षों पुरानी धूल आखिरकार साफ होने लगी है। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत मंगलवार तक ज्यादातर काम पूरा हो चुका है और अनुमान है कि 11 दिसंबर तक करीब छह लाख मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हो जाएंगे। कुल 31 लाख मतदाताओं वाली सूची में अब तक 25 लाख से अधिक एसआईआर फॉर्म भर लिए गए हैं तथा 14 लाख नामों की मैपिंग पूरी हो चुकी है।
सबसे ज्यादा कटौती शहर क्षेत्र में होने के संकेत हैं। अधिकारियों के अनुसार शहरी क्षेत्र से लगभग 25 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र से 14 फीसदी मतदाता कम हो सकते हैं। ये नाम या तो मृतक व्यक्तियों के हैं या फिर जिन लोगों ने शहर छोड़ दिया और कहीं और वोटर कार्ड बनवा लिया।
विधानसभा क्षेत्रवार प्रगति:
- अजगरा, पिंडरा, शिवपुर और सेवापुरी – 100% सर्वे पूरा
- कैंट व दक्षिणी – 97%
- रोहनिया – 96%
- उत्तरी – 94%
बीएलओ पर गंभीर आरोप, पूरे परिवार का नाम हटाया
चिरईगांव ब्लॉक के बीकापुर बूथ संख्या 153 पर तैनात बीएलओ विमला देवी पर ग्रामीण दूधनाथ यादव ने बड़ा आरोप लगाया है। दूधनाथ ने सोमवार को बीडीओ चिरईगांव को शिकायत दी कि उनके पूरे परिवार का नाम बिना पूछे और बिना सत्यापन के मतदाता सूची से हटा दिया गया। बीएलओ का जवाब था – “ये लोग कहीं और रहते हैं, हम कहां ढूंढें?” बीडीओ ने जांच का आश्वासन दिया है।
एक ही व्यक्ति के नाम तीन-तीन जगह!
राजातालाब क्षेत्र में राजकुमार को वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपना नाम तीन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मिला – गंगापुर (भाग-111 जक्खिनी), भाग-147 कचनार और भाग-122 तोफापुर। तीनों जगह पिता का नाम बाबूलाल ही दर्ज था। बाद में काफी मशक्कत के बाद वे अपना फॉर्म भर पाए।
2003 की सूची से मैपिंग नामुमकिन
सिरिस्ती गांव के पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश अज्ञात ने बताया कि 2003 की मतदाता सूची में सिरिस्ती की जगह छितौना गांव के लोगों के नाम दर्ज हैं, जिससे मौजूदा सूची की मैपिंग असंभव हो रही है। इसके खिलाफ उन्होंने डीएम, एसडीएम और भारत निर्वाचन आयोग को पंजीकृत पत्र भेजकर सही सूची उपलब्ध कराने की मांग की है।