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Varanasi: शहर के कुत्तों के लिए जेल जैसी बैरक, खूंखार और आवारा कुत्तों पर लगेगी लगाम

 

Varanasi: वाराणसी नगर निगम ने शहर में बढ़ते खूंखार और आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। ऐढ़े क्षेत्र में करीब 1.82 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर का निर्माण पूरा हो गया है। यह सेंटर जिले का पहला बड़ा और व्यवस्थित केंद्र होगा, जहां कुत्तों का बंध्याकरण, इलाज और निगरानी की जाएगी।

सेंटर में कुत्तों के लिए 40 एकल और 10 सामूहिक बैरक Varanasi नगर निगम की तरफ से तैयार किए गए हैं। खूंखार और रैबीज से पीड़ित कुत्तों को एकल बैरक में रखकर इलाज किया जाएगा, जबकि सामान्य कुत्तों को सामूहिक बैरक में रखा जाएगा। एकल बैरक में एक कुत्ता और सामूहिक बैरक में 10 कुत्ते रहेंगे। इलाज के बाद कुत्तों को उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।

सेंटर में एक दिन में 30 से अधिक कुत्तों का बंध्याकरण किया जा सकेगा, जिससे Varanasi में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण संभव होगा। भवन में भूतल पर पांच कमरे, दो किचन, दो शौचालय और एक बेसिंग रूम, जबकि प्रथम तल पर दो कमरे, एक किचन और एक शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा यहां ऑपरेशन थिएटर (ओटी), वैक्सीनेशन सेंटर, फीडिंग रूम, पैथोलॉजी और एक्स-रे कक्ष जैसी मेडिकल सुविधाएं भी मौजूद हैं।

सेंटर का संचालन आउटसोर्सिंग पद्धति से कराया जाएगा और यह एसपीसीए (सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स की देखरेख में होगा। Varanasi नगर निगम का कंट्रोल रूम नंबर 1533 पर कुत्तों से जुड़ी किसी भी समस्या की सूचना दी जा सकती है। भविष्य में शहर के बाहर 200 एकड़ भूमि पर 2000 कुत्तों को रखने की योजना भी बनाई जा रही है। इसके लिए रामनगर, पिसौर और फुलवरिया क्षेत्र में जमीन देखी जा रही है।

क्या बोले चिकित्साधिकारी

“एबीसी सेंटर का संचालन जल्द शुरू होगा। इसमें खूंखार, रैबीज व सामान्य कुत्तों के लिए अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं। इलाज के बाद कुत्तों को जहां से लाया जाएगा, वहीं छोड़ा जाएगा।”— डॉ. संतोष पाल, पशु चिकित्साधिकारी, Varanasi नगर निगम