{"vars":{"id": "130921:5012"}}

सोयेपुर जहरीली शराब कांड में 16 आरोपी अदालत से बरी, कोर्ट ने क्या कहा

वाराणसी के सोयेपुर गांव में जहरीली शराब से 28 मौतों के बहुचर्चित मामले में वाराणसी की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। साक्ष्य के अभाव में 16 आरोपियों को गैर इरादतन हत्या और गैंगस्टर एक्ट समेत सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।

 

वाराणसी: सोयेपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत के बहुचर्चित मामले में अदालत से बड़ा फैसला सामने आया है। विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) सुशील कुमार खरवार की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में 16 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा।

अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि इस मामले में प्रथम विवेचक को गवाही के लिए पेश नहीं किया गया। वहीं, दूसरे विवेचक भी ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं दे सके, जिससे आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लागू होना सिद्ध हो सके। गैंगस्टर एक्ट के तहत अवैध संपत्ति जब्ती से जुड़े कोई प्रमाण भी अदालत के सामने नहीं रखे गए।

न्यायालय ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष किसी स्वतंत्र गवाह को पेश नहीं कर सका, जो आरोपों की पुष्टि करता हो। गवाहों के बयान भी इतने मजबूत नहीं थे कि आरोपियों को दोषी ठहराया जा सके। ऐसे में संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को गैर इरादतन हत्या और गैंगस्टर एक्ट समेत अन्य धाराओं से दोषमुक्त किया गया।

क्या था पूरा मामला

यह मामला फरवरी 2010 का है। सोयेपुर गांव निवासी दिनेश राजभर की तहरीर पर कैंट थाना पुलिस ने जहरीली शराब बेचने के आरोप में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि गांव में अंतिम संस्कार के बाद शराब पी गई, जिसमें विषैला पदार्थ मिला हुआ था। शराब पीने के बाद कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान कुल 28 लोगों की मौत हो गई।

इस घटना ने उस समय पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया था। पुलिस ने विवेचना के बाद 20 आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि, मुकदमे के दौरान चार आरोपियों की मौत हो जाने से उनके खिलाफ कार्रवाई समाप्त हो गई।

लंबी सुनवाई और गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद अदालत ने अब 16 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इस फैसले के बाद एक बार फिर न्यायिक प्रक्रिया और जांच की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।