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Varanasi: BHU महिला महाविद्यालय में छात्रा की हार्ट अटैक से मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप, छात्राओं का हंगामा

 
Varanasi: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के महिला महाविद्यालय में एक बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा प्राची सिंह की मौत से सनसनी फैल गई है। छात्रा की तबीयत अचानक बिगड़ने के बावजूद समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के आरोप में अन्य छात्राओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गुस्साई छात्राओं ने धरना देना शुरू कर दिया है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। मौके पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, प्राची सिंह छात्रावास के अपने कमरे में रह रही थीं, जब अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। रूममेट छात्राओं ने तुरंत वार्डन को सूचना दी। लेकिन वार्डन की ओर से एंबुलेंस बुलाने में कथित तौर पर आधे घंटे से अधिक विलंब हुआ। इस दौरान प्राची की हालत बिगड़ती चली गई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। छात्राओं का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण उनकी साथी की जान गई है।

धरने पर बैठी छात्राओं नारे लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि छात्रावासों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी लंबे समय से चली आ रही समस्या है, लेकिन अब इसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम ने छात्राओं से बातचीत की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगें पूरी होने तक हिलने को तैयार नहीं हैं। पुलिस ने स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की जा रही है। प्राची सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे से थीं और पढ़ाई में होनहार छात्रा के रूप में जानी जाती थीं। उनकी मौत से परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है। छात्र संगठनों ने भी इस मुद्दे पर समर्थन जताया है और कहा है कि यदि न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।Varanasi: BHU महिला महाविद्यालय में छात्रा की हार्ट अटैक से मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप, छात्राओं का हंगामा*

Varanasi: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के महिला महाविद्यालय में एक बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा प्राची सिंह की मौत से सनसनी फैल गई है। छात्रा की तबीयत अचानक बिगड़ने के बावजूद समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के आरोप में अन्य छात्राओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गुस्साई छात्राओं ने धरना देना शुरू कर दिया है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। मौके पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, प्राची सिंह छात्रावास के अपने कमरे में रह रही थीं, जब अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। रूममेट छात्राओं ने तुरंत वार्डन को सूचना दी। लेकिन वार्डन की ओर से एंबुलेंस बुलाने में कथित तौर पर आधे घंटे से अधिक विलंब हुआ। इस दौरान प्राची की हालत बिगड़ती चली गई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। छात्राओं का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण उनकी साथी की जान गई है।

धरने पर बैठी छात्राओं नारे लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि छात्रावासों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी लंबे समय से चली आ रही समस्या है, लेकिन अब इसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम ने छात्राओं से बातचीत की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगें पूरी होने तक हिलने को तैयार नहीं हैं। पुलिस ने स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की जा रही है। प्राची सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे से थीं और पढ़ाई में होनहार छात्रा के रूप में जानी जाती थीं। उनकी मौत से परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है। छात्र संगठनों ने भी इस मुद्दे पर समर्थन जताया है और कहा है कि यदि न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।