Varanasi: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान पर महिलाओं का आक्रोश, जुलूस निकालकर पुतला फूंका
Varanasi: वाराणसी में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान को लेकर महिलाओं का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को शंकर सेना महिला विंग की अध्यक्ष प्रियंका द्विवेदी के नेतृत्व में करीब 200 महिलाओं ने एक किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला। इस दौरान महिलाओं ने अनिरुद्धाचार्य के पुतले पर चप्पलें फेंकीं और उसे जमीन पर पटककर पैरों से कुचल दिया।
Varanasi जुलूस के दौरान महिलाओं के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर 'अनिरुद्धाचार्य माफी मांगो' जैसे नारे लिखे हुए थे। महिलाओं का आरोप है कि कथावाचक ने अपने बयान से नारी समाज का अपमान किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
Varanasi पुलिस ने जब महिलाओं को पुतला फूंकने से रोका, तो नोकझोंक की स्थिति पैदा हो गई। हालात बिगड़ते देख पुलिसकर्मियों को हाथ जोड़कर शांति की अपील करनी पड़ी। महिलाओं का कहना है कि अनिरुद्धाचार्य जैसे कथावाचकों को महिलाओं के चरित्र पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का कोई हक नहीं है।
यह विवाद एक वायरल वीडियो से शुरू हुआ, जिसमें अनिरुद्धाचार्य ने लिव-इन रिलेशनशिप और विवाह को लेकर महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो में उन्होंने कहा था कि "25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है" और अविवाहित महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाए थे। विरोध बढ़ने पर अनिरुद्धाचार्य ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी बात अधूरी दिखाई गई है और यदि किसी का दिल दुखा है, तो वे क्षमा मांगते हैं।
इधर, उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने भी कथावाचक के बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, "यह बयान बेहद शर्मनाक है। इतनी कम उम्र में मिली शोहरत उन्हें संभाल नहीं पा रही है।" चौहान ने महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले ऐसे बयानों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने पूरे देश में बहस छेड़ दी है। मथुरा, प्रयागराज,Varanasi और वृंदावन समेत कई जगहों पर महिलाओं ने अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हैं। महिला संगठनों का कहना है कि धार्मिक मंचों का इस्तेमाल महिलाओं को बदनाम करने के लिए नहीं होना चाहिए। प्रशासन से मांग की जा रही है कि अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो और उन्हें सार्वजनिक माफी मंगवाया जाए।