QS World University Rankings 2026: भारत की कोई यूनिवर्सिटी टॉप-50 में नहीं, जाने..पाकिस्तान के कितनी यूनिवर्सिटीज को मिली जगह ?
QS World University Rankings 2026: एशिया 2026 जारी हो गई है। इस साल हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी ने पेकिंग यूनिवर्सिटी को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। रैंकिंग में कुल 1,500 से अधिक संस्थानों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें 550 से ज्यादा नई एंट्रीज शामिल हैं। यह रैंकिंग 11 प्रमुख संकेतकों पर आधारित है, जैसे अकादमिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात, शोध उद्धरण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग।
रैंकिंग में एशिया के विभिन्न देशों की यूनिवर्सिटीज की संख्या के लिहाज से चीन सबसे आगे है, जहां 395 संस्थान शामिल हैं। भारत ने 294 यूनिवर्सिटीज के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है, जबकि जापान की 146 और दक्षिण कोरिया की 103 यूनिवर्सिटीज सूची में हैं। हॉन्गकॉन्ग ने इस साल शानदार प्रदर्शन किया, जहां इसकी पांच यूनिवर्सिटीज टॉप-10 में जगह बना लीं। हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के अलावा, हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एचकेयूएसटी) छठे स्थान पर पहुंच गई है, जो हॉन्गकॉन्ग में दूसरा स्थान है।
भारत के संदर्भ में रैंकिंग निराशाजनक रही। देश की कोई भी यूनिवर्सिटी एशिया की टॉप-50 में शामिल नहीं हो सकी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली को 59वां स्थान मिला है, जो पिछले वर्षों की तुलना में गिरावट दर्शाता है। इसके बाद भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु 64वें स्थान पर है। टॉप-10 भारतीय संस्थानों में से नौ, जिनमें सात आईआईटी शामिल हैं, अपनी रैंकिंग में गिरावट देखने को मिली। केवल चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ही सुधार के साथ 109वें स्थान पर पहुंची, जो पिछले साल 120वें स्थान से बेहतर है। कुल 157 भारतीय संस्थानों में से 67 प्रतिशत ने अपनी रैंकिंग खो दी, जबकि चीन, मलेशिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की यूनिवर्सिटीज ने मजबूत प्रदर्शन किया।
पड़ोसी देशों की बात करें तो पाकिस्तान की 82 यूनिवर्सिटीज सूची में शामिल हैं, जो संख्या के आधार पर उसे छठे स्थान पर लाती हैं। फिलीपींस ने भी प्रगति दिखाई, जहां 35 यूनिवर्सिटीज शामिल हैं—पिछले साल के मुकाबले 11 ज्यादा। वियतनाम की वान लैंग यूनिवर्सिटी ने सबसे बड़ा उछाल मारा, जो 159 स्थानों की छलांग के साथ 251वें स्थान पर पहुंच गई।
मलेशिया की यूनिवर्सिटी मलाया (यूएम) एशिया में 15वें स्थान पर रही, जो देश की टॉप यूनिवर्सिटी है, हालांकि पिछले साल के 12वें स्थान से थोड़ी गिरावट आई। क्यूएस के अनुसार, यह रैंकिंग एशिया में उच्च शिक्षा की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाती है, जहां अंतरराष्ट्रीयकरण, शोध नेटवर्क और पीएचडी वाले स्टाफ पर ज्यादा जोर दिया गया है।