लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की गति को देखते हुए अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग को अधिक सशक्त, आधुनिक और जनसुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फायर सर्विस को केवल आग बुझाने तक सीमित न रखकर इसे आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और आपात सेवाओं के समेकित स्वरूप में विकसित करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विभागीय कैडर रिव्यू की आवश्यकता जताते हुए कहा कि प्रत्येक रीजन में स्पेशलाइज्ड यूनिट गठित की जाए, जो केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं और सुपर हाईराइज बिल्डिंग जैसी जटिल परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हो। सीएम ने फायर सर्विस को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित जनशक्ति से लैस करने के भी सख्त निर्देश दिए।
बैठक में नए पदों के सृजन पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने विभाग की प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक जनपद में अकाउंट कैडर स्थापित करने का आदेश दिया। साथ ही, राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पद सृजित कर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने पर बल दिया।
इन निर्देशों के बाद विभाग में राजपत्रित संवर्ग के 98 और अराजपत्रित संवर्ग के लगभग 922 नए पद सृजित होने का रास्ता साफ हो गया है। इससे जनपद, रीजनल और मुख्यालय स्तर पर फायर सर्विस की कार्यक्षमता और जनसेवा क्षमता को नई ताकत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में फायर एवं आपात सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने हर 100 किलोमीटर की दूरी पर फायर टेंडर सहित छोटी फायर चौकी स्थापित करने का आदेश दिया, ताकि दुर्घटना के गोल्डन आवर में राहत एवं बचाव कार्य तुरंत शुरू हो सके।
बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि नई ऑपरेशनल इकाइयों के रूप में कुशीनगर, आजमगढ़, श्रावस्ती, कानपुर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट पर अग्निशमन सेवाओं की समुचित जनशक्ति पहले ही तैनात की जा चुकी है।
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि फायर सर्विस जनता के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से सीधे जुड़ा विभाग है। इसकी संरचना ऐसी होनी चाहिए जो हर परिस्थिति में त्वरित, कुशल और उत्तरदायी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो। उन्होंने विभाग के पुनर्गठन की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी करने के निर्देश दिए, ताकि इसका लाभ जल्द से जल्द जनता तक पहुंचे।