चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: कई राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की समयसीमा बढ़ाई
नई दिल्ली I चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों को और अधिक सटीक व पारदर्शी बनाने के लिए कई राज्यों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की समयसीमा में बड़ा विस्तार किया है। आयोग ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में अतिरिक्त समय देने का फैसला लिया है ताकि डुप्लीकेट, मृत और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें तथा नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा जा सके।
राज्यवार नई समयसीमा:
- उत्तर प्रदेश : 26 दिसंबर 2025 तक
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ : 18 दिसंबर 2025 तक
- गुजरात और तमिलनाडु : 14 दिसंबर 2025 तक
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि राज्य ने आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था। उनके अनुसार अब तक 99.24% जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है और अतिरिक्त समय से मृत, स्थानांतरित व लापता मतदाताओं का दोबारा सत्यापन हो सकेगा।
पश्चिम बंगाल में सबसे लंबा विस्तार
पश्चिम बंगाल में SIR की समयसीमा में सबसे ज्यादा बदलाव किया गया है। आयोग ने अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन की तारीख को बढ़ाकर 14 फरवरी 2026 कर दिया है।
संशोधित कार्यक्रम:
- घर-घर जनगणना : 11 दिसंबर 2025 को समाप्त
- मसौदा मतदाता सूची प्रकाशन : 16 दिसंबर 2025
- दावे-आपत्तियां दर्ज करने की अवधि : 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026
- दावों का निपटारा व विशेष सत्यापन : 7 फरवरी 2026 तक
- अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन : 14 फरवरी 2026
चुनाव आयोग का कहना है कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) पर काम का भारी दबाव है और कई BLO शिक्षक या अन्य सरकारी कर्मचारी होने के कारण सीमित समय में पूरा सत्यापन कर पाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए मतदाता सूची को 100% शुद्ध और अद्यतन बनाने के उद्देश्य से यह विस्तार जरूरी था।