फ्री हेल्थ चेकअप, ओवरटाइम का डबल पैसा...जानें नए लेबर कानून में क्या-क्या हुए बदलाव?
मोदी सरकार ने श्रम सुधारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश के पुराने 29 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है। 21 नवंबर से पूरे देश में चार नए लेबर कोड लागू हो गए हैं। सरकार का दावा है कि ये बदलाव भारत की रोजगार व्यवस्था और इंडस्ट्रियल सिस्टम को आधुनिक रूप देंगे। नए नियमों से देश के 40 करोड़ से ज्यादा कामगारों को सामाजिक सुरक्षा का दायरा मिलेगा।
1. आधुनिक कार्यशैली के अनुरूप नए प्रावधान
देश में कई श्रम कानून 70–90 साल पुराने थे, जिनमें गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स और प्रवासी मजदूर जैसी नई रोजगार प्रणालियों का कोई उल्लेख नहीं था। नए लेबर कोड इन सभी श्रमिकों को कानूनी पहचान और सुरक्षा प्रदान करेंगे।
2. नियुक्ति पत्र अनिवार्य, समय पर वेतन की गारंटी
अब हर कर्मचारी को नौकरी देते समय नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। पूरे देश में न्यूनतम वेतन लागू होगा और समय पर वेतन भुगतान कानूनी रूप से सुनिश्चित होगा। इससे पारदर्शिता और कर्मचारी सुरक्षा बढ़ेगी।
3. 40+ उम्र वाले कर्मचारियों के लिए मुफ्त हेल्थ चेकअप
जो कर्मचारी 40 वर्ष से अधिक हैं, उन्हें साल में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच का लाभ मिलेगा। खनन, केमिकल और कंस्ट्रक्शन जैसे जोखिम भरे क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को विशेष स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाएगी।
4. सिर्फ एक साल की नौकरी पर भी मिलेगा ग्रेच्युटी
पहले जहां ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल नौकरी करना अनिवार्य था, अब नए नियमों के तहत एक साल की स्थाई नौकरी के बाद भी कर्मचारी ग्रेच्युटी के पात्र होंगे। यह प्राइवेट सेक्टर के लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है।
5. कामकाजी महिलाओं को नई सुविधाएं
महिलाएं अब सुरक्षा उपायों के साथ नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी। समान वेतन, सुरक्षित कार्यस्थल और मातृत्व से जुड़े अधिकारों को और मजबूत किया गया है। ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को भी समान अधिकार और सुरक्षा मिलेगी।
6. गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को पहली बार कानूनी सुरक्षा
ओला–उबर ड्राइवर, जोमैटो–स्विगी डिलीवरी पार्टनर और ऐप-बेस्ड वर्कर्स को पहली बार सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेगा। कंपनियों को अपने टर्नओवर का 1–2% हिस्सा उनके लिए योगदान के रूप में देना होगा। UAN लिंक होने से राज्य बदलने पर भी लाभ मिलते रहेंगे।
7. ओवरटाइम का दुगना भुगतान
अब कर्मचारियों को ओवरटाइम का भुगतान डबल रेट पर किया जाएगा। इससे ओवरटाइम के भुगतान में पारदर्शिता और लाभ दोनों बढ़ेंगे।
8. कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के अधिकार मजबूत
अब कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को भी स्थाई कर्मचारियों जैसे अधिकार मिलेंगे न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित कार्य वातावरण। प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के कामगार भी इस सुरक्षा दायरे में आएंगे।
9. उद्योगों के लिए आसान कम्प्लायंस
कंपनियों पर कम्प्लायंस का बोझ कम करने के लिए सिंगल लाइसेंस और सिंगल रिटर्न सिस्टम लागू किया गया है। इससे उद्योगों को लालफीताशाही से काफी राहत मिलेगी।
10. श्रमिक–कंपनी विवादों का नया समाधान मॉडल
इंस्पेक्टर-कम-फैसिलिटेटर प्रणाली लागू की गई है, जिसमें अधिकारी दंड की बजाय मार्गदर्शन करेंगे। साथ ही, दो-सदस्यीय ट्राइब्यूनल बनाए जाएंगे जहां कर्मचारी सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
सरकार का कहना है कि ये नए लेबर कोड विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। ये कोड Code on Wages 2019, Industrial Relations Code 2020, Social Security Code 2020 और Occupational Safety, Health and Working Conditions Code 2020 देश के श्रमिकों के लिए नए युग की शुरुआत करेंगे।