गुजरात सरकार का बड़ा फैसला, रोलिंग पेपर और गो-गो कोन की बिक्री पर बैन
Dec 17, 2025, 12:42 IST
Ahmedabad : गुजरात में युवाओं और नाबालिगों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त और ऐतिहासिक कदम उठाया है। गृह विभाग ने पूरे राज्य में तत्काल प्रभाव से रोलिंग पेपर, गो गो स्मोकिंग कोन और परफेक्ट रोल की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। अब इन वस्तुओं की बिक्री करना कानूनन अपराध की श्रेणी में आएगा।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों पर रोक
सरकार के आदेश के बाद अब पान पार्लर, चाय की दुकानें, किराना स्टोर के साथ-साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी इन स्मोकिंग पेपर और कोन की बिक्री नहीं की जा सकेगी। आदेश का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों या व्यक्तियों के खिलाफ सख्त पुलिस कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति इन वस्तुओं को बेचते या जमा करते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय मानी जाएगी।
युवाओं में बढ़ती लत बनी चिंता का कारण
पिछले कुछ समय से गुजरात में युवाओं और नाबालिगों के बीच नशे की लत तेजी से बढ़ने की रिपोर्ट सामने आ रही थी। खासकर मीडिया रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ कि ‘गो गो पेपर’ जैसे स्मोकिंग पेपर का खुलेआम इस्तेमाल चरस और गांजा जैसे मादक पदार्थों के सेवन में किया जा रहा है। इस पर लगातार उठ रही चिंताओं के बाद सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है।
स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा
जांच में यह भी सामने आया है कि इन रोलिंग पेपर और स्मोकिंग कोन में टाइटेनियम ऑक्साइड, पोटेशियम नाइट्रेट, आर्टिफिशियल रंग, कैल्शियम कार्बोनेट और क्लोरीन ब्लीच जैसे हानिकारक रसायन पाए जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ये तत्व लंबे समय तक सेवन करने पर शरीर के लिए धीमा जहर बन सकते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।
सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश
गृह विभाग ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163(2) और 163(3) के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) की धारा 223 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस विभाग को आदेश का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
समाज ने किया फैसले का स्वागत
राज्य सरकार के इस फैसले का अभिभावकों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने स्वागत किया है। लोगों का मानना है कि इस कदम से युवाओं को नशे की लत से दूर रखने में मदद मिलेगी और समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा। सरकार का कहना है कि इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाना और उन्हें आसानी से उपलब्ध नशे की सामग्रियों से दूर रखना है।