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विदेशों में बैठे थे हैंडलर्स, 6.5 लाख में खरीदी थी AK-47...दिल्ली ब्लास्ट केस में NIA की पूछताछ में 5 बड़े खुलासे

 

दिल्ली के लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए कार धमाके की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। NIA द्वारा की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि आरोपी मुजम्मिल ने 6.5 लाख रुपये में AK-47 राइफल खरीदी थी, जो बाद में डॉक्टर आदिल के अनंतनाग अस्पताल के लॉकर से बरामद हुई। यही नहीं, मुजम्मिल ने 26 कुंतल NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम) भी खरीदा था, जिसका उपयोग विस्फोटक तैयार करने में किया जा सकता है।

विदेशों में बैठे थे हैंडलर्स, Telegram से होते थे निर्देश

NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि उमर और मुजम्मिल अफगानिस्तान, तुर्की और पाकिस्तान में बैठे कई हैंडलर्स के संपर्क में थे।

  • मुजम्मिल मंसूर नामक हैंडलर के संपर्क में था

  • उमर हसीम नामक हैंडलर से निर्देश लेता था

ये दोनों हैंडलर उच्च स्तर पर काम करने वाले इब्राहिम नामक मास्टरमाइंड के लिए काम करते थे।

2022 में तुर्की पहुंचा था पूरा मॉड्यूल

जांच में सामने आया कि वर्ष 2022 में मुजम्मिल, आदिल और उसका भाई मुजफ्फर, ओकासा नाम के हैंडलर के निर्देश पर तुर्की भी गए थे। योजना के मुताबिक, उन्हें वहां से अफगानिस्तान भेजा जाना था, लेकिन किसी वजह से यह संभव नहीं हो पाया। पांच दिन बाद वे फिर से ओकासा से मिले, जिसका सीधा संबंध तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से था।

डीप फ्रीजर में रखे जाते थे केमिकल

जांच एजेंसी के मुताबिक, उमर ने एक डीप फ्रीजर खरीदा, जिसमें वह विस्फोटक बनाने वाले केमिकल छुपाकर रखता था। कुछ केमिकल उसने अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चोरी भी किए थे। उमर और मुजम्मिल दोनों के कमरों से विस्फोटक से जुड़े कई नमूने बरामद हुए हैं।

हैंडलर्स ने भेजे थे 200 से ज़्यादा वीडियो

NIA के मुताबिक, विदेशी आकाओं ने टेलीग्राम के जरिए

  • बम बनाने के तरीके

  • अमोनियम नाइट्रेट से विस्फोटक तैयार करने की तकनीक

  • और हमले को अंजाम देने की रणनीति

बता चुके थे। उन्होंने करीब 200 से अधिक वीडियो भेजे थे और निर्देश दिया था कि खुद से विस्फोटक तैयार करो और हमला करो।