{"vars":{"id": "130921:5012"}}

गंगोत्री मार्ग पर हजारों पेड़ों की कटान की तैयारी! ग्रामीणों ने बांधे रक्षा-सूत्र, शुरू हुआ देवदार बचाओ आंदोलन

 
Dehradun: गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित बड़े पैमाने पर वृक्ष कटान का विरोध भैरोघाटी–हर्षिल क्षेत्र में तेज हो गया है। हजारों हिमालयी देवदार के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने की आशंका से स्थानीय निवासियों, पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक संगठनों में गहरी चिंता जताई जा रही है। इसी के विरोध में क्षेत्र में ‘देवदार बचाओ अभियान’ शुरू किया गया है, जिसके तहत ग्रामीण पेड़ों पर रक्षा-सूत्र बांधकर उन्हें बचाने का संकल्प ले रहे हैं।
देवदार को बचाने की मुहिम क्यों?
स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगोत्री राजमार्ग का विकास जरूरी है, परंतु इसके नाम पर देवदार जैसी दुर्लभ और संवेदनशील प्रजाति को नुकसान पहुंचाना किसी भी तरह से उचित नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक—
- देवदार हिमालय की जैव-विविधता का आधार है
- आपदा-प्रवण इलाके में मिट्टी को थामने में इन पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका है
- जलस्रोतों के संरक्षण और स्थानीय जलवायु संतुलन में देवदार अहम योगदान देता है
लोगों का कहना है कि यदि हजारों पेड़ काटे गए, तो आने वाले वर्षों में क्षेत्र में भूस्खलन, जल-संकट और पर्यावरणीय असंतुलन की समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है।
वैकल्पिक समाधान की मांग
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन और संबंधित एजेंसियों से सड़क चौड़ीकरण का डिज़ाइन दोबारा तैयार करने तथा ऐसे तकनीकी समाधान अपनाने की मांग की है जिससे बड़ी संख्या में पेड़ काटने से बचा जा सके। स्थानीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि बिना जनसुनवाई के परियोजना को आगे बढ़ाया गया, तो विरोध को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
प्रशासन का पक्ष
वन विभाग और निर्माण एजेंसी का कहना है कि सड़क की सुरक्षा और यातायात सुगमता के लिए चौड़ीकरण आवश्यक है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए ही आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
इस बीच, ‘देवदार बचाओ अभियान’ ने पूरे इलाके में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नई जागरूकता पैदा की है, जिससे सड़क विकास और पर्यावरण सरंक्षण के बीच संतुलन बनाने की बहस अब और तेज हो गई है।