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छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में क्रिसमस आयोजनों को लेकर तनाव, कांकेर हिंसा के बाद बस्तर में बंद का असर

छत्तीसगढ़ के कांकेर में शव दफनाने के विवाद के बाद भड़की धार्मिक हिंसा के विरोध में बस्तर संभाग में बंद रहा, दुकानों-बाज़ारों पर असर पड़ा। इसी बीच बिलासपुर, हरिद्वार, दिल्ली और मध्य प्रदेश में क्रिसमस कार्यक्रमों को लेकर विवाद व विरोध की घटनाएँ सामने आईं। पुलिस सतर्क है और जांच जारी है।
 

New Delhi : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने के विवाद के बाद भड़की धार्मिक हिंसा का असर पूरे बस्तर संभाग में देखने को मिल रहा है। इसी घटना के विरोध में सर्व आदिवासी समाज और हिंदू संगठनों ने बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया, जिसका असर बस्तर के सात जिलों में देखा गया। जगदलपुर में बाजार, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद को बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स का समर्थन भी मिला।

मेन रोड क्षेत्र में कुछ व्यापारियों ने त्योहारी सीजन में बंद बुलाए जाने पर नाराजगी जताई और विरोध के चलते कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति बनी। पुलिस हस्तक्षेप के बाद दुकानदारों ने प्रतिष्ठान बंद कर दिए और स्थिति सामान्य हुई।

बिलासपुर में मंदिर परिसर में ‘क्रिसमस पार्टी’ पर विवाद

सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के गणेश नगर स्थित एक शिव मंदिर परिसर में क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान नॉन-वेज परोसे जाने के आरोप पर हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया। इसे सनातन धर्म का अपमान बताया गया। मामले की जांच की मांग के साथ विवाद बढ़ गया।

हरिद्वार में होटल का क्रिसमस कार्यक्रम रद्द

हरिद्वार के होटल भागीरथी में 24 दिसंबर को प्रस्तावित क्रिसमस कार्यक्रम प्रबंधन ने रद्द कर दिया। जीएम नवनीत सिंह ने कहा कि कुछ संगठनों की आपत्ति के बाद कार्यक्रम रद्द किया गया है और अब केवल गंगा पूजन व आरती का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि किसी की भावनाएँ आहत करना उद्देश्य नहीं था।

दिल्ली में पंपलेट वितरण पर विवाद

दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश मार्केट में क्रिसमस संबंधी पंपलेट बांट रहीं कुछ महिलाओं और बच्चों को स्थानीय लोगों ने रोक दिया। विरोध करने वालों का आरोप था कि बिना अनुमति सड़क घेरकर गाना बजाया जा रहा था, जिससे जाम लग गया। मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

मध्य प्रदेश: नेत्रहीन बच्चों को बुलाने पर धर्मांतरण का आरोप

जबलपुर और गोरखपुर (मप्र) के दो मामलों में क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान नेत्रहीन व दिव्यांग छात्रों को बुलाए जाने पर हिंदू संगठनों ने धर्मांतरण के प्रयास का आरोप लगाया। पुलिस ने बयान दर्ज किए और कहा कि अब तक धर्मांतरण का प्रमाण सामने नहीं आया, बच्चों को भोजन के लिए बुलाया गया था। कुछ स्थानों पर विवाद बढ़ने पर हाथापाई भी हुई।

देश के कई शहरों में विरोध के स्वर तेज

कुछ संगठनों ने सांता टोपी व क्रिसमस आयोजनों को “सांस्कृतिक भ्रम” बताकर विरोध की अपील की है। वहीं कई स्थानों पर आयोजन शांतिपूर्वक जारी हैं, लेकिन पुलिस सतर्कता बढ़ाई गई है। पुलिस व प्रशासन ने अपील की है कि लोग अफवाहों से बचें और किसी भी कार्यक्रम के लिए पूर्व अनुमति का पालन करें। स्थिति पर निगरानी जारी है।