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भीड़ ने महिला थाना प्रभारी को पीटा, हाथ जोड़कर माफी मांगती रहीं पुलिसकर्मी, कई वाहनों में आगजनी

 

रायगढ़ I छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में जिंदल कंपनी के गारे पेलमा कोल ब्लॉक के विरोध में चल रहे धरने के दौरान शनिवार को स्थिति बेकाबू हो गई। पुलिस द्वारा धरना हटाने की कोशिश के बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान उग्र भीड़ ने पथराव किया, जिसमें महिला थाना प्रभारी कमला पुसाम सहित एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा और कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की बस, जीप, एंबुलेंस सहित कई शासकीय और कंपनी के वाहनों को आग के हवाले कर दिया तथा जिंदल के कोल हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) में घुसकर कन्वेयर बेल्ट, ट्रैक्टर और ऑफिस में तोड़फोड़ की।

तमनार क्षेत्र के 14 गांवों के ग्रामीण पिछले 15 दिनों से लिबरा गांव स्थित सीएचपी चौक पर धरना दे रहे थे। उनका आरोप है कि जिंदल कंपनी के कोल ब्लॉक के लिए हुई जनसुनवाई फर्जी थी, जिससे पर्यावरण को नुकसान और विस्थापन का खतरा है। धरने के कारण कंपनी के भारी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई थी। शनिवार दोपहर पुलिस बल ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया और वाहनों का परिचालन शुरू कराया। इसी दौरान खुरसलेंगा गांव के पास एक भारी वाहन की चपेट में आकर साइकिल सवार एक ग्रामीण घायल हो गया, जिससे आक्रोश भड़क उठा।

ग्रामीणों ने वाहन चालक की पिटाई की और मौके पर पहुंची थाना प्रभारी कमला पुसाम की टीम पर लाठी-डंडों और लात-घूंसों से हमला कर दिया। दोपहर ढाई बजे के करीब भीड़ ने बैरियर तोड़कर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तनाव को देखते हुए पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में 30-35 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की खबर है।

कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि असामाजिक तत्वों के उकसावे पर पथराव हुआ और पुलिसकर्मी घायल हुए। समझाइश के लिए पहुंचे विधायक विद्यावती सिदार, कलेक्टर और एसपी पर भी पथराव किया गया। पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास में यह घटना हुई और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।