{"vars":{"id": "130921:5012"}}

योगी सरकार का बड़ा फैसला: PWD अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में 5 गुना वृद्धि, अभियंता नियमावली में भी बदलाव

 

लखनऊ I उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग (PWD) में 30 साल बाद बड़े बदलाव को मंजूरी दी है। शुक्रवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में सीएम योगी ने PWD अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक की बढ़ोतरी का ऐतिहासिक निर्णय लिया। साथ ही, उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन को भी हरी झंडी दी गई। इन सुधारों से विभागीय कार्यों में तेजी आएगी, वित्तीय अनुशासन बरकरार रहेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।

वित्तीय अधिकारों में क्रांतिकारी बदलाव

1995 की पुरानी वित्तीय सीमाएं अब इतिहास बन गई हैं। कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार, निर्माण लागत में 5.52 गुना की वृद्धि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। नए नियमों के तहत मुख्य अभियंता अब 2 करोड़ के बजाय 10 करोड़ तक के कार्यों को मंजूरी दे सकेंगे। अधीक्षण अभियंता का दायरा 1 करोड़ से बढ़कर 5 करोड़ और अधिशासी अभियंता का अधिकार 40 लाख से 2 करोड़ तक हो गया है। सहायक अभियंताओं को भी छोटे टेंडर और कार्यों की स्वीकृति में छूट दी गई है। इससे निविदा प्रक्रिया से लेकर कार्य शुरू होने तक की रफ्तार दोगुनी होगी।

अभियंता सेवा नियमावली में संशोधन

बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा नियमावली, 1990 में भी बड़े बदलाव किए गए। विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद सृजित किया गया। मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या बढ़ाई गई। पदोन्नति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए वरिष्ठता के आधार पर स्तर-दो से स्तर-एक तक प्रमोशन का प्रावधान किया गया। सातवें वेतन आयोग के अनुरूप अधिशासी से मुख्य अभियंता तक के वेतनमान तय किए गए। चयन समिति की संरचना को भी अपडेट किया गया ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

"PWD विकास का इंजन"

सीएम योगी ने कहा, "लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास योजनाओं का इंजन है। समयानुकूल नियमावली से अभियंताओं की कुशलता, तकनीकी गुणवत्ता और सेवा भावना मजबूत होगी। योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता पर आधारित सिस्टम से विभाग नई ऊंचाइयों को छुएगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को ज्यादा स्वायत्तता मिलने से ऊपरी स्तर पर मंजूरी की जटिलताएं कम होंगी और प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे होंगे।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 1995 से अब तक लागत 5.52 गुना बढ़ चुकी है, जिसके चलते पुरानी सीमाएं अप्रासंगिक हो गई थीं। सिविल कार्यों के लिए अधिकार पांच गुना और विद्युत-यांत्रिक कार्यों के लिए दो गुना बढ़ाए गए हैं। ये सुधार न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएंगे, बल्कि भ्रष्टाचार को भी नियंत्रित करेंगे।

नए युग की शुरुआत

योगी सरकार के इस निर्णय से PWD में कार्यों की गति बढ़ेगी और अभियंताओं को नई ऊर्जा मिलेगी। यह कदम उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास को नई दिशा देगा और राज्य की प्रगति को गति प्रदान करेगा।