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आपका नाम हट जाएगा वोटर लिस्ट से- इस तरह डराकर ठग रहे स्कैमर्स, रहें सावधान!

New Delhi: मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन अभियान के दौरान साइबर अपराधी चुनाव आयोग या बीएलओ कर्मचारी बनकर लोगों को ठग रहे हैं। फोन कॉल और मैसेज के जरिए OTP, बैंक डिटेल्स और निजी जानकारी मांगी जा रही है। फर्जी APK डाउनलोड कराकर मोबाइल डाटा और UPI एक्सेस भी हासिल किया जा रहा है।

 

New Delhi : देश के कई राज्यों में इन दिनों मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी विशेष ग्रहण पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच धोखाधड़ी का नया तरीका सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधी चुनाव आयोग या बीएलओ का कर्मचारी बनकर लोगों को ठग रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, साइबर ठग फोन कॉल और मैसेज के जरिए मतदाताओं से ओटीपी, बैंक डिटेल्स और निजी जानकारी मांग रहे हैं। कई मामलों में लोगों के मोबाइल में फर्जी APK फाइल इंस्टॉल करवाई जा रही है, जिससे स्कैमर्स को पूरा फोन डाटा, UPI और बैंकिंग ऐप्स तक एक्सेस मिल जा रहा है।

अधिकारियों ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि

- SIR प्रक्रिया घर-घर जाकर बीएलओ (BLO) द्वारा की जाती है।

- चुनाव आयोग किसी भी हालत में फोन, मैसेज या ऑनलाइन लिंक से जानकारी नहीं मांगता।

- मतदाता किसी भी अनजान कॉलर को ओटीपी और निजी जानकारी शेयर न करें।

ठग कैसे फंसा रहे हैं जाल?

- “आपका नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है” यह कहकर डराया जाता है

- फॉर्म भरने के नाम पर OTP मांगा जाता है

- फर्जी लिंक भेजे जाते हैं

- SIR APK ऐप डाउनलोड करवाते ही फोन का कंट्रोल स्कैमर के पास चला जाता है

कैसे बचें इस ठगी से?

- OTP किसी के साथ भी शेयर न करें

- SIR से जुड़ी कोई फाइल या ऐप डाउनलोड न करें

- केवल BLO की पहचान सत्यापित करने के बाद ही जानकारी दें

- संदिग्ध लिंक, कॉल और मैसेज की तुरंत शिकायत करें

- निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि TRAI, बैंक या कोई सरकारी विभाग TRAI से जुड़े SMS नहीं भेजता।

अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?

- तुरंत UPI या बैंकिंग सेवा ब्लॉक कराएं

- फर्जी ऐप को अनइंस्टॉल करें और सभी पासवर्ड बदलें

- साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें

- cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें