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AIMIM का बड़ा बयान: TMC के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर से गठबंधन की संभावना सिरे से खारिज

 
New Delhi : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के साथ किसी भी चुनावी गठबंधन की संभावना से साफ इनकार कर दिया। पार्टी ने कबीर के प्रस्तावों को “राजनीतिक रूप से संदिग्ध व वैचारिक रूप से असंगत” बताया। यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में कबीर ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक मस्जिद की नींव रखी थी और राजनीतिक हलकों में उनके AIMIM से जुड़ने की चर्चा तेज हो गई थी।
AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद असीम वकार ने कहा कि हुमायूं कबीर को व्यापक रूप से भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़ा माना जाता है। वकार ने कहा कि सार्वजनिक जानकारी बताती है कि कबीर, शुभेंदु अधिकारी के राजनीतिक नेटवर्क का हिस्सा रहे हैं और अधिकारी भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की रणनीतिक व्यवस्था में काम करते हैं।
मुसलमान देश को मजबूत करने वाली ताकतों के साथ
AIMIM ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि मुस्लिम समुदाय उकसावे वाली राजनीति को स्वीकार नहीं करता। वकार ने कहा कि मुस्लिम समुदाय राष्ट्र निर्माण में विश्वास रखता है। वह देश को मजबूत करने वाली ताकतों के साथ खड़ा है और विभाजन या अशांति फैलाने वालों को नकारता है।
उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का हवाला देते हुए कहा कि ओवैसी साहब की राजनीति संविधान, शांति और सामाजिक सद्भाव पर आधारित है। वह ऐसे किसी व्यक्ति से नहीं जुड़ सकते जो समाज में फूट डालने या उकसावे की राजनीति करने वाला हो।
वकार ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के मुसलमान कबीर के हालिया कदमों और उनके पीछे की राजनीतिक मजबूरियों से परिचित हैं। उन्होंने कहा कि लोग साफ समझते हैं कि वह किसके इशारे पर और किस मकसद से काम कर रहे हैं।
TMC से निलंबन और नए दल की घोषणा
हुमायूं कबीर को पिछले सप्ताह TMC से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने 22 दिसंबर को अपना नया राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की है। कबीर ने दावा किया था कि AIMIM और अन्य पार्टियों के साथ संभावित गठबंधन पर बातचीत हो रही है।
AIMIM का सोमवार का बयान इन दावों का पहला आधिकारिक खंडन है, जिसमें गठबंधन की किसी भी संभावना से पूरी तरह इनकार किया गया।