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नीतीश सरकार के समर्थन में आए असदुद्दीन ओवैसी, लेकिन रख दी ये बड़ी शर्त

 

हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को आमौर में आयोजित एक जनसभा में नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देने की घोषणा की, लेकिन इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण शर्त भी रखी, सीमांचल को उसका न्याय और हक मिलना चाहिए।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि सीमांचल क्षेत्र दशकों से उपेक्षा का शिकार रहा है और अब समय आ गया है कि इस इलाके के विकास को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा, “विकास सिर्फ पटना और राजगीर तक सीमित न रहे। सीमांचल के लोग पलायन, भ्रष्टाचार और मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। सरकार को यहां ध्यान देना होगा।

ओवैसी ने रैली में क्या कहा?

AIMIM चीफ ने कहा कि वो मौजूदा सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन बदले में सीमांचल के विकास की गारंटी चाहते हैं। साथ ही उन्होंने अपने विधायकों को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, AIMIM के सभी 5 विधायक हफ्ते में दो दिन ऑफिस में बैठेंगे। हर विधायक को अपनी लाइव लोकेशन ओवैसी के साथ साझा करनी होगी। ओवैसी खुद हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करेंगे।

AIMIM के 5 विधायक 2020 की गलती दोहराने से सावधान

2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने सीमांचल में 5 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में उनमें से 4 विधायकों ने RJD ज्वाइन कर लिया था। इस बार, फिर से AIMIM ने सीमांचल की 5 सीटों पर कब्जा जमाया, जो यह साबित करता है कि यहां की जनता अभी भी ओवैसी पर भरोसा करती है।

सीमांचल पर AIMIM का मजबूत प्रभाव

सीमांचल के जिन इलाकों में AIMIM को जीत मिली है, वहां मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है। इन क्षेत्रों में कोसी नदी की बाढ़ और ग्रामीण संरचना के कारण विकास की चुनौतियां और बढ़ जाती हैं।

ओवैसी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता यहां सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों का समाधान कराना है।

बिहार चुनाव में NDए की प्रचंड जीत

इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में NDए ने बड़ी जीत हासिल की है। महागठबंधन को उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं। नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।