{"vars":{"id": "130921:5012"}}

Bihar Election 2025: RJD में बगावत या सफाई? चुनाव से पहले 27 नेता पार्टी से बाहर, आखिर वजह क्या है?

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले RJD ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त 27 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। इनमें विधायक छोटे लाल राय, मोहम्मद कामरान और कई पूर्व विधायक शामिल हैं। चुनाव से पहले यह कार्रवाई संगठन में अनुशासन और एकता का संदेश मानी जा रही है।

 
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने कड़ा कदम उठाते हुए पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त 27 नेताओं को 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन नेताओं में मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि जिन 27 नेताओं को निष्कासित किया गया है, उन्होंने या तो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया या पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार किया।

निकाले गए नेताओं में सारण जिले की परसा सीट से मौजूदा विधायक छोटे लाल राय और नवादा के गोविंदपुर से विधायक मोहम्मद कामरान का नाम सबसे चर्चित है। दोनों ही नेताओं ने 2020 के विधानसभा चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की थी।

इसी लिस्ट में कई पूर्व विधायक और विधान परिषद सदस्य भी हैं, जैसे -

  • कटिहार से राम प्रकाश महतो
  • मुजफ्फरपुर से अनिल सहनी
  • बड़हरा से सरोज यादव
  • नरपतगंज से अनिल यादव
  • पूर्व विधान परिषद सदस्य गणेश भारती

पार्टी ने प्रदेश महासचिव सुरेंद्र प्रसाद यादव (सारण) और अनिल चंद्र कुशवाहा (वैशाली) को भी बाहर कर दिया है। कुशवाहा पहले ही BJP में शामिल हो चुके हैं। जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी भी इस कार्रवाई की चपेट में आए हैं, जिनमें रितु जायसवाल (महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष), पूनम देवी गुप्ता (मोतिहारी जिला अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ) और कई अन्य शामिल हैं।

इससे पहले JDU ने भी अपने 16 बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया था, जिन पर NDA उम्मीदवारों का विरोध करने का आरोप था। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों  6 और 11 नवंबर में होंगे, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। RJD गठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। चुनाव से पहले RJD का यह बड़ा एक्शन संगठन में अनुशासन और एकजुटता बनाए रखने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।