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लोकसभा में नया रोजगार कानून पेश करने की तैयारी, सपा सांसद रामगोपाल यादव ने जताया विरोध

 
New Delhi : केंद्र सरकार आज लोकसभा में विकसित भारत–रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन अधिनियम 2025 पेश करने जा रही है। इस प्रस्तावित कानून को लेकर विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सांसद रामगोपाल यादव ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी।
रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी राय में इस विधेयक को लाने की कोई आवश्यकता ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी को महात्मा गांधी के नाम से नफरत है और यह विधेयक उसी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस कानून में नया क्या है? केवल नाम बदला जा रहा है। इससे यह साफ होता है कि बीजेपी शुरू से ही गांधी जी की विरोधी रही है।
केवल नाम बदलने का प्रयास
सपा सांसद ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर नया कानून लाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार केवल बहुमत के आधार पर इसे पारित कराना चाहती है तो कर सकती है, लेकिन समाजवादी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी।
वोट चोरी के आरोपों पर प्रतिक्रिया
इस दौरान रामगोपाल यादव ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले द्वारा वोट चोरी को लेकर दिए गए बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों नेताओं के बयानों की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन हर व्यक्ति की अपनी राय हो सकती है।
मनरेगा की जगह नया कानून लाने की तैयारी
गौरतलब है कि केंद्र सरकार मनरेगा की जगह विकसित भारत–रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन अधिनियम 2025 लाने की तैयारी में है। सरकार का दावा है कि इस नए कानून के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के नए अवसर सृजित किए जाएंगे। हालांकि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दल मनरेगा का नाम बदलने और नए कानून को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में आज संसद में इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने के आसार हैं।