UP के 1.33 लाख स्कूलों में ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य: सिस्टम लॉक होने से पहले टीचरों को लगानी होगी हाजिरी!
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अब शिक्षकों की हाज़िरी डिजिटल तरीके से दर्ज होगी। हाईकोर्ट के निर्देश और गठित समिति की सिफारिशों के बाद शासन ने सभी स्कूलों में ऑनलाइन डिजिटल उपस्थिति प्रणाली लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। यह व्यवस्था प्रदेश के 1.33 लाख प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा उनमें कार्यरत 4.50 लाख शिक्षकों पर लागू होगी।
एक घंटे के भीतर करनी होगी उपस्थिति दर्ज
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार
-
शिक्षकों को विद्यालय खुलने के एक घंटे के अंदर तक अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
-
एक घंटे बाद सिस्टम लॉक हो जाएगा, और उपस्थिति दर्ज नहीं होगी।
-
हाज़िरी दर्ज कराने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी।
-
यदि नेटवर्क खराब होने के कारण ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है तो पहले ऑफलाइन हाज़िरी ली जाएगी, जो नेटवर्क सुचारु होने पर स्वतः डिजिटल सिस्टम से सिंक हो जाएगी।
-
प्रधानाध्यापक अनुपलब्ध होने पर यह जिम्मेदारी किसी अन्य शिक्षक को दी जाएगी।
बिना पक्ष सुने नहीं होगी कोई कार्रवाई
विभाग ने स्पष्ट किया है कि अनुपस्थिति पर किसी भी शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई तभी होगी जब उससे कारण पूछा जाएगा और उसका पक्ष सुना जाएगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश को जमीन पर लागू कराने और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
पहले भी हुआ था प्रयास, विरोध के बाद वापस हुआ था आदेश
जुलाई 2024 में भी शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेंस लागू करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते इसे वापस लेना पड़ा था। इसके बाद समिति बनाकर शिक्षकों की मांगों और आपत्तियों पर विचार करने की बात कही गई थी।
समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया फैसला
16 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद जो समिति बनाई गई उसमें शामिल थे—
-
महानिदेशक स्कूल शिक्षा
-
निदेशक समाज कल्याण
-
निदेशक बेसिक शिक्षा
-
एससीईआरटी प्रतिनिधि
-
बीएसए लखनऊ
-
सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन
-
शिक्षक प्रतिनिधि
इनकी 6 नवंबर को हुई बैठक के बाद ऑनलाइन उपस्थिति लागू करने पर अंतिम मोहर लगी।
शिक्षक संगठनों का विरोध जारी
शिक्षक नेताओं ने बिना शिक्षकों की मांगें पूरी किए इस आदेश को लागू करने पर आपत्ति जताई है।
उनकी प्रमुख मांगें हैं-
-
ईएल और सीएल अवकाश की बेहतर सुविधा
-
आधे दिन का अवकाश
-
मेडिकल सुविधाएं
-
सामूहिक बीमा
-
गृह जिले में तैनाती
-
गैर-शैक्षिक कार्यों से राहत
शिक्षक संगठनों का कहना है कि जब तक इन मुद्दों का समाधान नहीं होगा, तब तक विरोध जारी रहेगा।