कोहरे की चादर से ढका ताजमहल, नहीं दिखने पर वाह ताज की जगह बोले टूरिस्ट कहां है ताज!
लगभग आधा भारत इस समय घने कोहरे और ठंड की चपेट में है। दिल्ली-NCR से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सुबह की शुरुआत ही धुंध और स्मॉग के साथ हो रही है। 21 दिसंबर की सुबह आगरा में हालात इतने खराब रहे कि विश्व प्रसिद्ध ताजमहल तक नजरों से ओझल हो गया। कोहरा, ठंड और बढ़ते वायु प्रदूषण के संयुक्त असर ने जनजीवन, स्वास्थ्य और यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
धुंध की चादर में लिपटा ताजमहल
उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में घने कोहरे की परत इतनी मोटी रही कि ताज व्यू प्वाइंट से ताजमहल सुबह लगभग दिखाई ही नहीं दिया। धुंध के पीछे छिपे इस ऐतिहासिक स्मारक को देखने आए पर्यटकों को निराशा हाथ लगी। इसी तरह अयोध्या में भी सुबह के शुरुआती घंटों में कोहरा छाया रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार यहां न्यूनतम तापमान करीब 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 16 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।
मुरादाबाद में भी शीतलहर के साथ कोहरे का असर देखने को मिला। यहां न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। कोहरे के कारण इन शहरों में सुबह के समय सड़क यातायात धीमा रहा और सामान्य गतिविधियों में रुकावट आई।
दिल्ली-NCR में स्मॉग का कहर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालात और भी चिंताजनक नजर आए। ठंड के साथ जहरीली स्मॉग की मोटी परत पूरे शहर पर छाई रही। सुबह करीब 7 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 390 दर्ज किया गया, जो ‘वेरी पूअर’ श्रेणी में आता है। कई इलाकों में स्थिति ‘गंभीर’ स्तर तक पहुंच गई।
अक्षरधाम और गाजीपुर इलाके में AQI 438 रिकॉर्ड किया गया। मध्य दिल्ली में इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आसपास घनी धुंध रही, जहां AQI 381 दर्ज हुआ। आनंद विहार में भी AQI 438 तक पहुंच गया, जबकि ITO क्षेत्र में 405, बारापुल्ला फ्लाईओवर के पास 382 और धौला कुआं में 397 AQI दर्ज किया गया। ये आंकड़े राजधानी की बिगड़ती हवा की तस्वीर साफ दिखाते हैं।
GRAP स्टेज-IV लागू, सख्ती बढ़ी
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्टेज-IV के सभी उपाय लागू कर दिए हैं। इसके तहत गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों पर पूरी तरह रोक, कुछ श्रेणियों के डीजल वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध और प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों पर कड़ी निगरानी शुरू की गई है।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़ी एजेंसियां भी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि मौसम में बदलाव और इन कड़े कदमों से आने वाले दिनों में स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद की जा रही है।
फिलहाल, घना कोहरा और प्रदूषण दोनों ही लोगों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं, जिससे सावधानी बरतना और जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना बेहद अहम हो गया है।