Chhath Puja 2025 : छठ पूजा में महिलाएं क्यों लगाती है नाक से मांग तक नारंगी सिंदूर? वजह है बेहद खास
Chhath Puja 2025 : आज छठ पूजा का तीसरा दिन है। आज शाम व्रती महिलाएं अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगी और परिवार की खुशहाली व संतान की लंबी आयु की कामना करेंगी। यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे कठिन और पवित्र व्रतों में से एक माना जाता है। इस दिन महिलाएं नाक से लेकर मांग तक नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है और इसका क्या महत्व है?
नाक से मांग तक सिंदूर लगाने की परंपरा
छठ पूजा के दौरान विवाहित महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं। बिहार और पूर्वांचल में यह परंपरा विशेष रूप से प्रचलित है। मान्यता है कि इस तरह सिंदूर लगाने से महिलाएं सूर्य देव को पूरी श्रद्धा के साथ अर्घ्य देती हैं। यह परिवार की खुशहाली, सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि जितना लंबा सिंदूर लगाया जाता है, पति की आयु उतनी ही बढ़ती है।
छठ में नारंगी सिंदूर का महत्व
आमतौर पर महिलाएं लाल सिंदूर लगाती हैं, लेकिन छठ के दौरान नारंगी रंग का सिंदूर लगाने की परंपरा है। इसका कारण यह है कि नारंगी रंग सूर्य देव का प्रतीक माना जाता है। यह रंग पवित्रता, ऊर्जा और आध्यात्मिकता का द्योतक है। इसलिए छठ के अवसर पर महिलाएं नारंगी सिंदूर लगाकर सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने की कामना करती हैं।
मानसिक और आध्यात्मिक लाभ
नाक से लेकर माथे तक का हिस्सा ‘आज्ञा चक्र’ से जुड़ा होता है, जो एकाग्रता और मानसिक शांति का केंद्र है। माना जाता है कि नाक से मांग तक सिंदूर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, मन शांत रहता है और ध्यान की शक्ति में वृद्धि होती है। इस प्रकार, यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था बल्कि मानसिक संतुलन से भी जुड़ी हुई है।